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G20 की भव्य शुरुआत आज से, पहले दिन का क्या है एजेंडा

18वें जी20 शिखर सम्मेलन में यूरोपीय संघ के 30 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष और शीर्ष अधिकारी और आमंत्रित अतिथि देशों और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख भाग ले रहे हैं। दिल्ली में बनाए गए भारत मंडपम में इस सम्मेलन की शुरुआत होगी। शिखर सम्मेलन शनिवार और रविवार (9-10 सितंबर) को होगा।

शिखर सम्मेलन की शुरुआत सुबह 9.30 बजे हो जाएगी और विश्व नेता कार्यक्रम में पहुंचने लगेंगे। करीब 10.30 बजे पहला सत्र: 'वन अर्थ' होगा। यह चर्चा के मुख्य विषयों में से एक होगा। क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन दुनियाभर में चिन्ता का विषय बना हुआ है। कई देशों ने इससे संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इससे संबंधित मुद्दे को अमेरिका बार-बार उठाता रहा है और सभी देशों से इस मुहिम में शामिल होने को कहता रहा है। अब इसमें तेजी लाने पर बात होगी। 

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G20 शिखर सम्मेलन पर भारत की पूरी छाप है। इसका थीम "वसुधैव कुटुंबकम" या "एक पृथ्वी - एक परिवार - एक भविष्य" है - जो महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है। थीम यह बताती है कि मानव जीवन, पशु, पौधे और सूक्ष्मजीव किस तरह पृथ्वी ग्रह के लिए जरूरी हैं और कैसे ब्रह्मांड से उनके अंतर्संबंधों की पुष्टि होती है।
'वन अर्थ' सत्र के समापन और दोपहर के भोजन के बाद, 'वन फैमिली' का एक और सत्र अपराह्न 3.00 बजे आयोजित किया जाएगा। यह भी शिखर सम्मेलन का एक भाग होगा। शाम करीब 7:00 बजे भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से रात्रिभोज का आयोजन होगा।

इस रात्रिभोज में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा उन प्रमुख नेताओं में से हैं जो मौजूद होंगे। इनके अलावा कैबिनेट मंत्री, विदेशी प्रतिनिधि सांसद और देश के कुछ पूर्व वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे। 

बता दें कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सम्मेलन में हिस्सा नहीं रहे हैं। चीन का प्रतिनिधित्व चीनी प्रधान मंत्री ली कियांग करेंगे, और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव रूस का प्रतिनिधित्व करेंगे।
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भारत का लक्ष्य अफ्रीकी संघ को G20 सदस्य के रूप में शामिल करना और शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में युद्ध से संबंधित एक संयुक्त बयान के बारे में बनी असहमति को हल करना है। चूंकि भारत इस बार सम्मेलन का अध्यक्ष है तो समावेशी विकास, डिजिटल क्रांति, जलवायु परिवर्तन और समान ग्लोबल स्वास्थ्य जैसे विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है। अपनी अध्यक्षता का लाभ उठाकर, भारत ऐसे सहयोगी समाधानों को बढ़ावा दे रहा है जो उसकी अपनी आबादी को फायदा पहुंचाएंगे और और व्यापक ग्लोबल वेलफेयर में भी योगदान देंगे।

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क़मर वहीद नक़वी
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