भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के मंच पर दिखे। एबीवीपी आरएसएस से जुड़ा छात्र संगठन है। अरोड़ा 2019 में चुनाव आयोग के मुखिया थे। उन पर बीजेपी सरकार की मदद करने के आरोप उस समय लगे। लेकिन शुक्रवार को एबीवीपी के कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान उन्होंने एक पुराने विवाद पर सफाई देने की कोशिश की, जिसमें उन पर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह का फेवर करने के आरोप लगे थे। सुनील अरोड़ा ने जिस तरह से एबीवीपी का मंच साझा किया, उससे उनके आरएसएस और बीजेपी से पूर्व के रिश्तों की भी पुष्टि हो गई।
पिछला आम चुनाव 2019 में हुआ था। उस समय बतौर सीईसी सुनील अरोड़ा के कई फैसले विवादास्पद बने।अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में एबीवीपी के इतिहास पर एक किताब का विमोचन करने के बाद अरोड़ा विस्तार से बोले। द टेलीग्राफ अखबार ने इस कार्यक्रम की रिपोर्ट शनिवार को प्रकाशित की है। चुनाव के फौरन बाद कई रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स द्वारा लिखे गए पत्र का जिक्र करते हुए, अरोड़ा ने कहा: उन लोगों ने खुद को लोकतंत्र का संरक्षक कहा…। लेकिन दूसरे पैराग्राफ में ही उन लोगों ने लिखा कि लोकतंत्र के इतिहास में यह निष्पक्ष चुनाव नहीं था।...यह बोलने के बाद सुनील अरोड़ा ने सवाल किया, क्या इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ हो सकता है?
संघ के मंच से क्या बोले और क्यों बोले पूर्व सीईसी सुनील अरोड़ा
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- 29 Mar, 2025
भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा पर केंद्र की बीजेपी सरकार के पक्ष में फैसले लेने के आरोप लगते रहे हैं। शुक्रवार को अरोड़ा ने आरएसएस के मंच पर जाकर एक पुराने विवाद पर सफाई देने की कोशिश की।
