देश के जाने माने वकील और एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण और पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन के ख़िलाफ़ गुजरात के राजकोट में भक्तिनगर पुलिस थाने में एफ़आईआर दर्ज कराई गई है। रिपोर्ट दर्ज कराने वाले व्यक्ति हैं सेना के सेवानिवृत्त जवान जयदेव जोशी। उन्होंने प्रशांत भूषण और गोपीनाथन पर अलग-अलग आरोप लगाए हैं। भूषण पर जहाँ 'धार्मिक भावनाएँ आहत करने' का आरोप है तो गोपीनाथन पर 'सरकारी आदेश पर टिप्पणी करने' का। गोपीनाथन के साथ ही 'नेशनल हेरल्ड' के न्यूज़ एडिटर एशलिन मैथ्यू के ख़िलाफ़ भी कथित रूप से उस सरकारी आदेश को शेयर करने के लिए एफ़आईआर दर्ज की गई है।
हालाँकि एफ़आईआर के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन यह साफ़ है कि प्रशांत भूषण पर रामायण और महाभारत के ख़िलाफ़ कथित रूप से आपत्तिजनक भाषा बोलने के लिए रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले की जाँच कर रहे अधिकारी रोहित रावल ने 'द वायर' से कहा, 'जयदेव जोशी ने अपनी शिकायत में भूषण पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ट्वीट में रामायण और महाभारत के साथ अफ़ीम शब्द का प्रयोग किया।'
बता दें कि प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया था, 'लॉकडाउन के कारण करोड़ों लोग भूखे-प्यासे सैकड़ों किलोमीटर चलकर घर जा रहे हैं, हमारे संवेदनशील मंत्री रामायण और महाभारत की अफीम का ख़ुद भी भक्षण करने और लोगों को भी खिलाने का उत्सव मना रहे हैं।'
As crores starve & walk hundreds of miles home due to forced lockdown, our heartless ministers celebrate consuming & feeding the opium of Ramayana & Mahabharata to the people! https://t.co/eJqFkBmZu5
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) March 28, 2020
गोपीनाथन कहते हैं कि उन्हें एफ़आईआर के बारे में जो भी जानकारी मिली है वह मीडिया से मिली है। 'द वायर' के अनुसार गोपीनाथन ने कहा, 'मेरे ख़िलाफ़ आरोप लगाया गया है कि मैंने लोगों को गुमराह करने के लिए सरकारी आदेश को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। मुझे पता नहीं है कि वह एफ़आईआर किस आदेश के बारे में है। और यह आदेश कुछ भी हो, यदि सरकारी आदेश लोगों को गुमराह कर सकते हैं तो फिर क्या किया जा सकता है?'
गोपीनाथन कहते हैं कि एफ़आईआर दर्ज करने से पहले कुछ वेरिफ़ाई कर लिया जाना चाहिए, ऐसा नहीं कि किसी ने कुछ भी शिकायत की और पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर ले।
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