भारत के यति नरसिंहानंदों और साध्वी ऋतम्भराओं की ज़्यादा बच्चे पैदा करने की अपील पर देश के लोग लगता है ध्यान नहीं दे रहे हैं। अगर ध्यान दे रहे होते तो देश के हर समुदाय में प्रजनन दर (फर्टिलिटी रेट) घट नहीं रही होती। तमाम धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर लोग भले ही बंट गए हों लेकिन इस मुद्दे पर एकमत हैं कि भारत में बेतहाशा बढ़ती आबादी पर अंकुश लगना चाहिए।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस -5) के पांचवें दौर की रिपोर्ट बता रही है कि भारत की कुल प्रजनन दर 2.2 से घटकर 2.0 हो गई है जो जनसंख्या नियंत्रण उपायों की महत्वपूर्ण प्रगति को बताती है।
कुल प्रजनन दर (TFR) जिसे प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या के रूप में मापा जाता है, राष्ट्रीय स्तर पर NFHS-4 और 5 के बीच 2.2 से घटकर 2.0 हो गई है। यानी आसान शब्दों में कहें तो लोग कम बच्चे पैदा कर रहे हैं।
प्रजनन दर: बच्चे पैदा हो रहे कम, नरसिंहानंदों की नहीं सुन रहे लोग
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- 29 Mar, 2025
देश में प्रजनन दर घट रही है यानी लोग कम बच्चे पैदा कर रहे हैं। यह स्थिति सभी समुदायों में है। ऐसे में यति नरसिंहानंदों और साध्वी ऋतम्भराओं की हिन्दुओं से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील लोगों ने खारिज कर दी है।
