छह वर्षो में कितना कुछ बदल गया। ये असर भाजपा को मिली मात्र 240 सीटों का है। शनिवार को अखबारों में यूपीएससी का एक विज्ञापन छपा, जिसमें लैटरल एंट्री के जरिए 45 वरिष्ठ पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। इन वरिष्ठ पदों पर भारत की आजादी से अब तक सिविल सर्विसेज के जरिए चुने गए या डेपुटेशन पर राज्यों से भेजे गए आईएएस जगह पाते रहे हैं। लेकिन मोदी सरकार ने पिछले दरवाजे से उच्च पदों पर सीधी नियुक्तियों के लिए लैटरल एंट्री का रास्ता खोजा या पुराने को जिन्दा किया। लेकिन इस विज्ञापन को मंगलवार को मोदी सरकार ने खुद वापस ले लिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यूपीएससी का विज्ञापन पीएम मोदी के निर्देश पर वापस लिया गया है। मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि हाशिये पर पड़े लोगों के "सही प्रतिनिधित्व" के लिए "सामाजिक न्याय के प्रति संवैधानिक जनादेश" का हवाला देते हुए पीएम मोदी ने इसे वापस लेने को कहा है।