जम्मू-कश्मीर (J&K) में विधानसभा चुनाव पहले ही हो चुके हैं और 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा के लिए मतदान शाम 6 बजे तक। जैसे ही मतदान खत्म होगा, लोगों का ध्यान एग्जिट पोल के नतीजों पर केंद्रित हो जाता है। तमाम सर्वे एजेंसियां भविष्यवाणी करती हैं कि प्रमुख दल कितनी सीटें जीत सकते हैं। लेकिन आमतौर पर बहुत कम सर्वे एजेंसियों की भविष्यवाणी सही निकलती है। इसका खास वजह यह भी है कि राजनीतिक दल सर्वे एजेंसियों को तमाम तरीकों से प्रभावित कर लेते हैं और अपने दल के बारे में भविष्यवाणी करवा लेते हैं ताकि नतीजों को उसी हिसाब से मैनेज किया जा सके। लेकिन जनता अब इस चालाकी को भी धीरे-धीरे समझ रही है। इससे सर्वे एजेंसियों की विश्वसनीयता गिरती जा रही है।