हरिद्वार 'धर्म संसद' में नफ़रती भाषण के ख़िलाफ़ सेना के पाँच पूर्व प्रमुखों, बड़े नौकरशाहों और एक्टिविस्टों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम खुला ख़त लिखा है। इसमें उन्होंने विभिन्न आयोजनों में कथित 'भारतीय मुसलमानों के नरसंहार के आह्वान' का ज़िक्र करते हुए कहा है कि हिंसा के ऐसे आह्वान से देश में अस्थिरता पैदा हो सकती है। पत्र में उत्तराखंड के हरिद्वार, दिल्ली व अन्य जगहों पर ऐसे कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए आगाह किया गया है कि ईसाई, दलित और सिख जैसे अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।
'नफ़रती' धर्म संसद के ख़िलाफ़ सेना के 5 पूर्व प्रमुखों ने राष्ट्रपति, पीएम को लिखा ख़त
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- 31 Jan, 2021
जानिए, हरिद्वार और दिल्ली जैसी जगहों पर हुई 'धर्म संसद', नफ़रती भाषण के ख़िलाफ़ सेना के पूर्व प्रमुखों व वरिष्ठ अधिकारियों व अन्य एक्टिविस्टों ने क्या कहा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित इस खुले ख़त में कहा गया है कि हिंसा के लिए इस तरह के आह्वान आंतरिक रूप से अशांति पैदा कर सकते हैं और बाहरी दुश्मन ताक़तों को मज़बूत कर सकते हैं।