हरिद्वार 'धर्म संसद' में नफ़रती भाषण के ख़िलाफ़ सेना के पाँच पूर्व प्रमुखों, बड़े नौकरशाहों और एक्टिविस्टों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम खुला ख़त लिखा है। इसमें उन्होंने विभिन्न आयोजनों में कथित 'भारतीय मुसलमानों के नरसंहार के आह्वान' का ज़िक्र करते हुए कहा है कि हिंसा के ऐसे आह्वान से देश में अस्थिरता पैदा हो सकती है। पत्र में उत्तराखंड के हरिद्वार, दिल्ली व अन्य जगहों पर ऐसे कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए आगाह किया गया है कि ईसाई, दलित और सिख जैसे अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।