कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय
जीत
कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय
जीत
चंपाई सोरेन
बीजेपी - सरायकेला
जीत
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव के दौरान ईवीएम के माध्यम से डाले गए वोटों के साथ वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों का मिलान करने का निर्देश देने की मांग की गई है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने बुधवार सुबह भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी को कुछ सवालों के जवाब देने के लिए दोपहर 2 बजे अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा था। अदालत के सवाल थे-
इस बात पर जोर देते हुए कि चुनावी प्रक्रिया में पवित्रता होनी चाहिए, जस्टिस दत्ता ने चुनाव आयोग के वकील से कहा, "आपको अदालत में और अदालत के बाहर दोनों जगह आशंकाओं को दूर करना होगा। किसी को भी यह आशंका नहीं होनी चाहिए कि जो कुछ होना चाहिए वह नहीं किया जा रहा है।" यानी ईवीएम और वीवीपैट ठीक से काम कर रहे हैं।
16 अप्रैल को सुनवाई में, अदालत ने मैन्युअल गिनती प्रक्रिया के बारे में आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा था कि भारत में चुनावी प्रक्रिया एक "बहुत बड़ा काम" है और "सिस्टम को ख़राब करने" का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। याचिकर्ताओं के वकील ने कहा था कि पूरी दुनिया में अब बैलेट पेपर से चुनाव हो रहे हैं। सिर्फ भारत में ईवीएम से चुनाव हो रहे हैं, जिस पर जनता को तमाम शक है। देश में कई स्थानों पर ईवीएम हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी हुए लेकिन मोदी सरकार ने इसके जवाब में कुछ नहीं कहा।
इस संबंध में याचिकाएं एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल द्वारा दायर की गई हैं। अग्रवाल ने सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती की मांग की है। एडीआर की याचिका में अदालत से चुनाव आयोग और केंद्र को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई है कि मतदाता वीवीपैट के माध्यम से यह सत्यापित कर सकें कि उनका वोट "रिकॉर्ड के रूप में गिना गया है।" लेकिन चुनाव आयोग ने अभी तक ईवीएम के बचाव में तमाम तरह की ऐसी दलीलें दी हैं जो लोगों के गले नहीं उतर रहीं। साथ ही चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया की वीडियो साइट यूट्यब को ऐसा निर्देश चलाने को कहा कि ईवीएम पूरी तरह से दोष रहित सिस्टम है। इतना ही नहीं यूट्यूब ने पता नहीं किसके दबाव पर ईवीएम कंटेंट बनाने वाले यूट्यबरों पर बेवजह का शिकंजा कसा। कुछ का मोनाटाइजेशन बंद कर दिया गया, कुछ वीडियो हटाने पर मजबूर किया गया।
About Us । Mission Statement । Board of Directors । Editorial Board | Satya Hindi Editorial Standards
Grievance Redressal । Terms of use । Privacy Policy
अपनी राय बतायें