महुआ मोइत्रा को शुक्रवार को आख़िरकार लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया। उनके ख़िलाफ़ लोकसभा में पेश एथिक्स पैनल की रिपोर्ट के बाद यह फ़ैसला लिया गया। इस पर चर्चा के दौरान इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद सदन को दो बार स्थगित करना पड़ा। पहले 12 बजे तक के लिए और फिर दो बजे तक के लिए। विपक्ष ने एथिक्स पैनल की रिपोर्ट की चिंताओं को दूर करने की मांग की थी। इसका कहना था कि एथिक्स पैनल की रिपोर्ट में खामियाँ हैं। संसद की कार्यवाही पर भी सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि 104 पेज की रिपोर्ट को 12 बजे पेश किया गया, दो बजे से चर्चा शुरू हुई और एक घंटे में ही निष्कासन हो गया। इतने कम समय में सांसद रिपोर्ट को कैसे पढ़ पाएँगे और क्या चर्चा हो पाएगी? यह भी सवाल उठ रहा है कि महुआ को सफाई का मौक़ा भी क्यों नहीं दिया गया।