महुआ मोइत्रा को शुक्रवार को आख़िरकार लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया। उनके ख़िलाफ़ लोकसभा में पेश एथिक्स पैनल की रिपोर्ट के बाद यह फ़ैसला लिया गया। इस पर चर्चा के दौरान इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद सदन को दो बार स्थगित करना पड़ा। पहले 12 बजे तक के लिए और फिर दो बजे तक के लिए। विपक्ष ने एथिक्स पैनल की रिपोर्ट की चिंताओं को दूर करने की मांग की थी। इसका कहना था कि एथिक्स पैनल की रिपोर्ट में खामियाँ हैं। संसद की कार्यवाही पर भी सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि 104 पेज की रिपोर्ट को 12 बजे पेश किया गया, दो बजे से चर्चा शुरू हुई और एक घंटे में ही निष्कासन हो गया। इतने कम समय में सांसद रिपोर्ट को कैसे पढ़ पाएँगे और क्या चर्चा हो पाएगी? यह भी सवाल उठ रहा है कि महुआ को सफाई का मौक़ा भी क्यों नहीं दिया गया।
महुआ मोइत्रा आख़िरकार लोकसभा से निष्कासित
- देश
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- 29 Mar, 2025
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के ख़िलाफ़ एथिक्स पैनल की रिपोर्ट पर लोकसभा में हंगामा हुआ। जानिए, क्या-क्या घटनाक्रम चला।

इस कार्रवाई के बाद संसद के बाहर महुआ ने कहा कि एथिक्स कमिटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके पास न तो किसी भी नकदी का और न ही किसी गिफ्ट का कोई सबूत है। उन्होंने कहा कि जब नाश मनुज पर छाता है तो पहले विवेक मर जाता है। आज की चर्चा में महुआ मोइत्रा को बोलने का मौक़ा नहीं दिया गया। महुआ को बोलने की अनुमति देने की मांग की गई और कहा गया कि किसी भी आरोप के खिलाफ खुद का बचाव करने के लिए एक आरोपी का अधिकार है। सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, 'मैं प्रस्ताव रखता हूं- मेरी पार्टी की प्रवक्ता खुद महुआ मोइत्रा होंगी क्योंकि आरोप उनके खिलाफ हैं। बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं। चाहे सच हो या गलत, उन्हें बोलने दीजिए...।'