महुआ मोइत्रा के ख़िलाफ़ एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट पर संसद में चर्चा करने के लिए विपक्षी दल कुछ समय की मांग कर रहे हैं। टीएमसी के साथ ही कांग्रेस ने कहा है कि लोकसभा में चर्चा से पहले उस रिपोर्ट को पढ़ने के लिए समय दिया जाए तभी तो इस पर चर्चा की जा सकती है।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर आचार समिति की रिपोर्ट पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा है, 'मैं अनुरोध करूँगा कि सदस्यों को रिपोर्ट का अध्ययन करने और सदन में चर्चा के लिए खुद को तैयार करने के लिए कम से कम 3-4 दिनों का पर्याप्त समय दिया जाए। इसलिए मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि आप आचार समिति की रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए अब से कुछ दिन बाद कम से कम 3 दिन और समय तय करें।' उन्होंने कहा है कि रिपोर्ट 104 पन्नों की है और इसको पढ़ने के लिए समय चाहिए।
लोकसभा का एथिक्स पैनल महुआ मोइत्रा के ख़िलाफ़ बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कर रहा था।
निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई के पत्र का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि महुआ ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर लोकसभा में सवाल पूछने के लिए रिश्वत ली और अन्य लाभ लिया। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर दावा किया था कि महुआ ने हीरानंदानी समूह के हितों की रक्षा के लिए रिश्वत ली।
निशिकांत दुबे ने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया था कि वे लोकसभा के लिए मोइत्रा के लॉग-इन क्रेडेंशियल के आईपी पते की जांच करें ताकि यह जांचा जा सके कि क्या उन तक किसी और की पहुंच थी।
महुआ ने कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों का खंडन किया है, लेकिन उन्होंने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी को अपना संसदीय लॉगइन आईडी पासवर्ड देने की बात स्वीकार की है। एथिक्स कमेटी ने दस्तावेजों और सबूतों के साथ तीन मंत्रालयों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर उन्हें तलब किया था।
विपक्ष ने आचार समिति के तौर-तरीक़ों पर सवाल उठाया था। बैठक के संचालन के तरीक़े पर सवाल उठाने के बाद महुआ मोइत्रा और विपक्षी सांसद 2 नवंबर को आचार समिति की बैठक से बाहर चले गए थे। हालाँकि, समिति ने यह कहते हुए पलटवार किया था कि उसने सहयोग नहीं किया और अधिक सवालों के जवाब देने से बचने के लिए चली गई।
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