कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चार राज्यों में विधानसभा चुनाव नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए रविवार को कहा कि वह लोगों के जनादेश को 'विनम्रतापूर्वक स्वीकार' करते हैं। कांग्रेस तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हार की ओर बढ़ रही है जबकि तेलंगाना में जीत हासिल कर रही है।
कांग्रेस सांसद ने कहा, "हम विनम्रतापूर्वक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के जनादेश को स्वीकार करते हैं - विचारधारा की लड़ाई जारी रहेगी।"
उन्होंने पार्टी को सत्ता में चुनने के लिए "तेलंगाना के लोगों" को भी धन्यवाद दिया। वायनाड सांसद ने एक्स पर लिखा, ''प्रजलु तेलंगाना बनाने का वादा जरूर पूरा करूंगा।''
उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को उनकी "कड़ी मेहनत और समर्थन" के लिए "हार्दिक धन्यवाद" व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, "हम अस्थायी असफलताओं से उबरेंगे और इंडिया गठबंधन की पार्टियों के साथ आगामी लोकसभा चुनावों के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार करेंगे।"
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने भी चुनाव नतीजों में आशा की किरण तलाश ली है। वो कहते हैं- ठीक 20 साल पहले, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में राज्य चुनाव हार गई थी, जबकि केवल दिल्ली में जीत हासिल की थी। लेकिन कुछ ही महीनों में पार्टी ने वापसी की और लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और केंद्र में सरकार बनाई। यह आशा, विश्वास और दृढ़ संकल्प और लचीलेपन की भावना के साथ है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनावों के लिए तैयारी कर रही है।
जुड़ेगा भारत,
जीतेगा इंडिया!
दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के दल कांग्रेस की भूमिका पर फिर से विचार करने को कह रहे हैं। जेडीयू और टीएमसी ने रविवार को इंडिया का नेतृत्व बदलने की बात कही। जेडीयू ने कहा कि नीतीश कुमार को इंडिया का नेतृत्व देना चाहिए। टीएमसी ने ममता बनर्जी की दावेदारी पेश की है। हालांकि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि इंडिया की बैठक में हम लोग नतीजों की समीक्षा करेंगे।
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