प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार भले ही 'एक देश एक चुनाव' की बात करती रही है, लेकिन चुनाव आयोग ने तो क़रीब डेढ़ महीने के अंतराल पर पड़ने वाले दो राज्यों के चुनावों को ही अलग-अलग कराना तय किया है। ऐसा क्यों किया गया? मोदी सरकार आख़िर क्यों पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने पर जोर देती रही है? और आसपास की तारीख में ही पड़ते दो राज्यों के चुनाव साथ क्यों नहीं कराए जा रहे हैं?