कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के सोलन में पहली चुनावी रैली को संबोधित किया। इसके साथ ही कांग्रेस ने हिमाचल में अपने चुनाव प्रचार का आगाज भी कर दिया। हिमाचल में चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। राज्य में 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे जबकि मतों की गिनती का काम 8 दिसंबर को होगा।
इस तरह मतदान में अब 1 महीने से भी कम का वक्त रह गया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आम तौर पर चुनावी राज्यों में जनसभाओं को संबोधित करते रहे हैं। लेकिन राहुल गांधी इन दिनों कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं और अगले 4 महीने तक यह यात्रा चलती रहेगी। ऐसे में जब पार्टी कश्मीर से कन्याकुमारी तक 3,570 किलोमीटर लंबी यात्रा निकाल रही है तो गुजरात और हिमाचल के विधानसभा चुनाव में प्रचार कौन करेगा, यह भी एक बड़ा सवाल पार्टी के सामने है।
गुजरात और हिमाचल दोनों ही अहम राज्य हैं और दोनों ही राज्यों में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है। इसलिए कांग्रेस की जमीन को मजबूत करने के लिए प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाला है। प्रियंका गांधी ने सोलन में चुनावी जनसभा के दौरान हिमाचल के नव निर्माण से लेकर, युवाओं के हाथों को काम, महिलाओं का सम्मान सहित कई बातें कहीं। प्रियंका की रैली को परिवर्तन प्रतिज्ञा रैली का नाम दिया गया था।
उत्तर प्रदेश में ही किया प्रचार
इस साल फरवरी-मार्च में हुए पांच राज्यों के चुनाव प्रचार में यह देखने को मिला था कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने मूल रूप से उत्तर प्रदेश में ही चुनाव प्रचार किया था। हालांकि इक्का-दुक्का मौकों पर उन्होंने उत्तराखंड, गोवा और पंजाब में भी चुनावी जनसभाएं की लेकिन उन्होंने अधिकतर वक्त उत्तर प्रदेश को ही दिया। तब बाकी राज्यों में प्रचार की कमान राहुल गांधी संभाल रहे थे।
लेकिन अब जब राहुल गांधी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व करने की वजह से चुनाव प्रचार के लिए वक्त नहीं दे पा रहे हैं तो ऐसे में निश्चित रूप से प्रियंका गांधी को आगे आना ही था। प्रियंका की परिवर्तन प्रतिज्ञा रैली में अच्छी खासी भीड़ भी जुटी।
प्रियंका ने राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर पहली कैबिनेट बैठक में 1 लाख सरकारी नौकरी देने और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने जैसे कई बड़े वादे किए। इससे पहले ही कांग्रेस राज्य में 10 बड़ी गारंटियों का एलान हिमाचल की जनता के लिए कर चुकी है।
प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के चुनाव में काफी पसीना बहाया था और उनकी जनसभाओं में लोग भी आते थे। हालांकि पार्टी का प्रदर्शन उत्तर प्रदेश में बहुत खराब रहा और वह सिर्फ दो सीटें जीत सकी और उसे ढाई फीसद वोट ही हासिल हुए।
2023 का अहम साल
अगर प्रियंका आने वाले दिनों में गुजरात और हिमाचल में ताबड़तोड़ चुनावी जनसभाओं को संबोधित करती हैं तो यह माना जाना चाहिए कि अब वह उत्तर प्रदेश के बाहर भी अन्य चुनावी राज्यों में इस तरह की चुनावी रैलियां करेंगी। साल 2023 में 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन 10 राज्यों में से दो राज्य वे हैं, जहां पर अभी कांग्रेस सत्ता में है। ऐसे में प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश से बाहर भी पार्टी के लिए वोट मांगती दिख सकती हैं।
हिमाचल और गुजरात के नतीजे अहम
साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में करारी हार के साथ ही कांग्रेस पिछले 8 सालों में बड़ी संख्या में कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी शिकस्त खा चुकी है। पार्टी को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले हिमाचल और गुजरात के साथ ही 2023 के चुनावी राज्यों में भी बेहतर प्रदर्शन करना होगा और 2023 के चुनावी राज्यों तक पहुंचने से पहले हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे बेहद अहम रहेंगे।
बहरहाल, यह माना जा रहा है कि 2023 के चुनावी राज्यों और 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी बड़े पैमाने पर कांग्रेस की जनसभाओं और चुनावी रैलियों में दिखाई देंगी और निश्चित रूप से इससे राहुल गांधी के बाद कांग्रेस को एक और बड़ा चुनावी चेहरा प्रचार के लिए मिल सकेगा।
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