चुनाव आयोग ने रविवार को चुनावी बॉन्ड की कुछ और जानकारी सार्वजनिक की है। यह वह जानकारी है जिसे राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को सील कवर में जानकारी दी थी और जिसे आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को दिया था। समझा जाता है कि यह जानकारी 12 अप्रैल 2019 से पहले जारी किए गए इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित थी। इससे पहले 2019 के बाद की जानकारी चुनाव आयोग ने पहले ही अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी है। तो सवाल है कि आख़िर इस बार क्या जानकारी दी गई है? और क्या यह जानकारी किसी काम की है?