लद्दाख की गलवान घाटी में पिछले क़रीब 7 हफ़्ते से जो चीन की आक्रामकता दिख रही है उसकी शुरुआत, दरअसल, काफ़ी पहले ही हो गई थी। इसके संकेत पिछले साल अगस्त में ही मिलने लगे थे। भले ही इंटेलिजेंस एजेंसियों को इसकी भनक नहीं लग पाई, लेकिन दुरबुक में स्थानीय लोगों ने चीन की नीयत को भाँप लिया था। दुरबुक के एक स्थानीय व्यक्ति का कहना है कि भारतीय क्षेत्र में चर रहे उसके दो घोड़ों को चीनी सैनिक ले गए थे। उनका कहना है कि इसकी सूचना सेना को भी दी गई थी कि चीनी सेना उनके घोड़ों को ले गई। चीनी सैनिक प्रशिक्षित कुत्तों की मदद से भारतीय क्षेत्र में चर रहे पशुओं को पीछे धकेल देते थे।
लद्दाख में चीनी घुसपैठ के संकेत पिछले साल अगस्त में ही मिलने लगे थे
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- 3 Jul, 2020
लद्दाख की गलवान घाटी में पिछले क़रीब 7 हफ़्ते से जो चीन की आक्रामकता दिख रही है उसकी शुरुआत, दरअसल, काफ़ी पहले ही हो गई थी। इसके संकेत पिछले साल अगस्त में ही मिलने लगे थे।
