राम मंदिर-बाबरी मसजिद विवाद को सभी पक्षों की आपसी बातचीत के ज़रिए सुलझाने की कोशिशें पहले भी हुई हैं। साल 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने यह कोशिश की थी कि निर्मोही अखाड़ा, सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड और राम लला विराजमान के प्रतिनिधियों को एक जगह बिठा कर बातचीत कराई जाए और मामले का निपटारा अदालत के बाहर ही कर लिया जाए। उन्होंने इसके लिए ग़ैर-राजनीतिक लोगोें की मदद भी लेने का फ़ैसला किया।
अयोध्या विवाद पर मध्यस्थता की कोशिशें पहले भी हुईं, बेनतीजा रहीं
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- 18 Sep, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अयोध्या विवाद पर मध्यस्थता चलती रहनी चाहिए। उसने यह उम्मीद भी जताई है कि 15 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी हो जाएगी। लेकिन मध्यस्थता की कोशिशें पहले भी हो चुकी हैं, जो नाकाम रही हैं। क्या है मामला?
