विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि कई देशों ने इस बार संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत का ज़िक्र किया है। उन्होंने कहा कि यह इस मंच पर सामान्य बात नहीं है और यह दर्शाता है कि इसका संयुक्त राष्ट्र में सुधारों से कुछ लेना-देना है व भारत को अधिक प्रासंगिकता के साथ देखा जा रहा है। जयशंकर ने कहा है कि यह बदलाव पहले के मामूली बदलाव से कहीं अधिक है।
जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुधार के संबंध में प्रत्येक महासभा सत्र में उस मुद्दे पर फिर से विचार किया जाता रहा है, लेकिन इस बार कुछ बदल गया है। विदेश मंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति, रूसी विदेश मंत्री सहित कई नेताओं द्वारा भारत का ज़िक्र किये जाने का हवाला दे रहे थे।
जयशंकर ने आगे कहा, 'आप इसे देख सकते हैं, आप इसे समझ सकते हैं। यह राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा व्यक्त किया गया था। मुझे लगता है कि आपने मंत्री लावरोव को भी देखा कि रूस ने महासभा मंच से स्पष्ट रूप से भारत का उल्लेख किया। कई देशों ने भी वास्तव में भारत का भी उल्लेख किया। किसी देश के राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों या विदेश मंत्रियों के लिए किसी अन्य देश का उल्लेख करना सामान्य नहीं है।'
उन्होंने आगे कहा कि आपने देखा कि कई मौक़ों पर दिखा कि संयुक्त राष्ट्र के सुधार के लिए इसकी प्रासंगिकता है। इसने इस बात की पुष्टि की कि भारत अधिक मायने रखता है।
बता दें कि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के लिए भारत का समर्थन किया है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत और ब्राजील प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एक्टर हैं और परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए उनको माना जाना चाहिए।
जमैका की विदेश मंत्री कामिना जॉनसन स्मिथ ने भारत के वैक्सीन आउटरीच की प्रशंसा की और कहा कि जबकि अन्य देशों ने आपूर्ति को रोकना चुना, भारत के वैक्सीन आउटरीच ने समानता और पारस्परिक लाभ के अपने सिद्धांतों का उदाहरण पेश किया। जमैका के विदेश मंत्री ने कहा, 'हम पीएम मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर के नेतृत्व वाली सरकार, भारत की जनता के बहुत आभारी हैं।'
भारत का पाक और चीन पर निशाना
जयशंकर ने अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र से आतंकवाद के प्रायोजक देशों और उन्हें बचाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने भले ही नाम नहीं लिया, लेकिन समझा जाता है कि उनका इशारा पाकिस्तान और चीन की ओर था।
आतंकवाद पर एक कड़े संदेश में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवादियों का बचाव करने वाले राष्ट्र न तो अपने हितों को आगे बढ़ाते हैं और न ही अपनी प्रतिष्ठा को।
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