डेनमार्क में यात्रा पर पहुँचे भारत के प्रधानमंत्री मोदी जहाँ यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम की अपील पर जोर देते रहे वहीं, डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन ने उम्मीद जताई है कि भारत यूक्रेन में युद्ध को ख़त्म करने के लिए रूस पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेगा। मेटे ने यह बात तब कही जब भारतीय प्रधानमंत्री मोदी भी उनके बगल में खड़े थे।
डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने इस पर जोर दिया कि उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यूक्रेन में युद्ध और नागरिकों के ख़िलाफ़ किए गए भयानक अपराधों के परिणामों पर चर्चा की है। इसी दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत अपने प्रभावों का इस्तेमाल करेगा। यह 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से किसी भी यूरोपीय नेता द्वारा साफ़ तौर पर व्यक्त की गई अपेक्षाओं में से एक है।
डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने रूस के 'यूक्रेन के गैरकानूनी और अकारण आक्रमण' की निंदा करते हुए कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उनका संदेश बहुत साफ़ था कि उन्हें 'इस युद्ध को रोकना' और 'हत्याओं को बंद करना' होगा।
दोनों नेताओं ने अपनी द्विपक्षीय बैठक के बाद साझा बयान दिया। उन्होंने यूक्रेन पर चर्चा की और संघर्ष विराम और बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष का समाधान करने का आह्वान किया।
Speaking at the joint press meet with PM Frederiksen. @Statsmin https://t.co/3uGqLdLop7
— Narendra Modi (@narendramodi) May 3, 2022
बता दें कि आज ही पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम की अपील की। उन्होंने अपनी तीन देशों की यूरोप यात्रा के दूसरे चरण के तहत डेनमार्क पहुँचने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में यह बयान दिया।
भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के लिए दोनों प्रधानमंत्री बुधवार को फिर से मिलेंगे। उस शिखर सम्मेलन में स्वीडन, फिनलैंड, नॉर्वे और आइसलैंड भी शामिल होंगे। 2018 में पहली बार शिखर सम्मेलन हुआ था और इसके बाद यह इस तरह का दूसरा शिखर सम्मेलन होगा।
'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार फ्रेडरिकसन ने कहा, 'हम कई मूल्यों को साझा करते हैं। हम दो लोकतांत्रिक देश हैं। हम दोनों एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में विश्वास करते हैं। और ऐसे समय में हमें घनिष्ठ भागीदारों के रूप में हमारे बीच और भी मजबूत पुल बनाने की आवश्यकता है। हमने, निश्चित रूप से, यूक्रेन में युद्ध पर भी चर्चा की।'
डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमने नागरिकों के ख़िलाफ़ किए गए भयानक अपराधों और यूक्रेन में गंभीर मानवीय संकट के परिणामों पर चर्चा की। बुचा में नागरिकों की हत्या की ख़बरें बेहद चौंकाने वाली हैं। हमने इन हत्याओं की निंदा की है और स्वतंत्र जांच की आवश्यकता पर बल दिया है। डेनमार्क और पूरे यूरोपीय संघ ने यूक्रेन पर रूस के गैरकानूनी और अकारण आक्रमण की कड़ी निंदा की।'
उन्होंने कहा, 'मेरा संदेश बहुत स्पष्ट है- पुतिन को इस युद्ध को रोकना है और हत्याओं को बंद करना है। बेशक, मुझे उम्मीद है कि भारत इस चर्चा में रूस को भी प्रभावित करेगा।'
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