शीर्ष महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के मामले में बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह को दिल्ली की एक अदालत ने तलब किया है। एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न करने और डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मामले में आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद बृजभूषण सिंह को समन जारी किया। उन्हें 18 जुलाई को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है। कोर्ट ने बृजभूषण सिंह के सहायक सचिव विनोद तोमर को भी समन जारी किया है।
राउज एवेन्यू अदालत में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने यह निर्देश दिया है। 21 अप्रैल को एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी की अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थीं।
पहलवानों ने यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। इसके बाद पुलिस ने 28 अप्रैल को दो एफआईआर दर्ज कीं।
दिल्ली पुलिस ने भाजपा सांसद पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354ए और 354डी के तहत मामला दर्ज किया है। ये धाराएँ क्रमशः एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने, यौन उत्पीड़न और पीछा करने के लिए आपराधिक बल से जुड़ी हैं। डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर पर यौन उत्पीड़न और एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोपों के अलावा, धारा 109 और 506 के तहत अपराध को बढ़ावा देने और आपराधिक धमकी देने का भी आरोप लगाया गया है।
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) June 25, 2023
साक्षी मलिक ने ट्वीट कर इस फ़ैसले के पीछे दो वजहें बताई थीं। उन्होंने कहा था, 'सरकार के साथ 7 जून को हुई वार्ता में सरकार ने जो पहलवानों के साथ वादे किए उन पर अमल करते हुए महिला कुश्ती खिलाड़ियों द्वारा महिला उत्पीड़न एवं यौन शोषण के संबंध की गई शिकायतों में छह महिला पहलवानों द्वारा दर्ज एफ़आईआर की दिल्ली पुलिस जाँच पूर्ण करके 15 जून को कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है। इस केस में पहलवानों की क़ानूनी लड़ाई सड़क की जगह कोर्ट में जारी रहेगी जब तक न्याय नहीं मिल जाता।'
इससे पहले बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान ने भी अपना बयान वापस ले लिया था।
उस नाबालिग महिला पहलवान के पिता की सफ़ाई आई थी। नाबालिग शिकायतकर्ता के पिता ने कहा था कि वह निर्दोष साबित हो रहे हैं तो यह बेहतर है कि कोर्ट की बजाय अभी सच सामने आ जाए। रिपोर्ट के अनुसार नाबालिग के पिता ने कहा है कि पहले की शिकायत जानबूझकर की गई थी और झूठी थी। नाबालिग के पिता ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, 'चूँकि अब बातचीत शुरू हो गई है, सरकार ने पिछले साल मेरी बेटी की हार (एशियाई अंडर-17 चैंपियनशिप ट्रायल में) की निष्पक्ष जाँच का वादा किया है, इसलिए यह मेरा भी कर्तव्य है कि मैं अपनी गलती सुधारूं।'
आरोपों की पुष्टि भी हुई!
जबकि बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप लगाने वाली व्यस्क छह महिला पहलवानों में से एक द्वारा लगाए गए एक आरोप को एक अंतरराष्ट्रीय रेफरी ने पुष्टि की है। यह आरोप एक महिला पहलवान ने लगाया था जिसमें कहा गया कि पिछले साल मार्च में टीम ने लखनऊ में एशियाई चैंपियनशिप के लिए ट्रायल के अंत में एक तस्वीर खिंचवाई थी। उसी दौरान की एक घटना को लेकर महिला पहलवान ने शिकायत की थी। अंतरराष्ट्रीय कुश्ती रेफरी जगबीर सिंह ने इस आरोप पर अपना बयान दर्ज कराया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जगबीर सिंह बृजभूषण और शिकायतकर्ता से कुछ फीट की दूरी पर खड़े थे। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने दिल्ली पुलिस के सामने अपनी गवाही में पहलवान के आरोप की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है, 'मैंने उन्हें (बृजभूषण) उनके (महिला पहलवान) बगल में खड़े देखा। उन्होंने खुद को छुड़ाया, धक्का दिया, बुदबुदाई और दूर हट गई। वह अध्यक्ष के बगल में खड़ी थीं, लेकिन फिर सामने आ गईं। मैंने देखा कि यह महिला पहलवान कैसी प्रतिक्रिया दे रही थी और वह असहज थी। उसके साथ कुछ गलत हुआ। मैंने उन्हें कुछ करते हुए नहीं देखा, लेकिन उसके हाथ पैर खूब चलते थे, इधर आ जा। इधर खड़ी हो जा। उसके (शिकायतकर्ता के) व्यवहार से यह स्पष्ट था कि उस दिन (फोटो सत्र के दौरान) कुछ गलत हुआ था।'
इससे पहले 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता ने भी एक महिला पहलवान द्वारा लगाए गए आरोप की पुष्टि की है। अनीता ने कहा कि शिकायतकर्ता ने उन्हें विदेश में एक टूर्नामेंट से उस घटना को साझा करने के लिए फोन किया था जहां बृजभूषण ने कथित तौर पर उन्हें अपने कमरे में बुलाया था और उसे जबरन गले लगाया था। पटियाला में राष्ट्रीय शिविर में लौटने के बाद अनीता को अपनी आपबीती सुनाते हुए शिकायतकर्ता रो पड़ी थीं।
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