देश में ग़रीबी है। बेरोजगारी है। असमानता बढ़ रही है। देश के बड़े हिस्से को अभी भी न तो साफ़ पानी मिलता है और न ही पौष्टिक भोजन। देश की ऐसी स्थिति का आकलन किसी विपक्षी नेता ने नहीं, बल्कि बीजेपी के मातृ संगठन आरएसएस के ही नेता का है। आरएसएस के ये नेता भी कोई ऐसे वैसे नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले हैं।
देश में गरीबी, बेरोजगारी दानव की तरह खड़ी है: होसबले
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- 2 Oct, 2022
क्या आरएसएस देश में गरीबी, बेरोजगारी और बढ़ती असमानता के मुद्दों पर चिंतित है? क्या जिसे बीजेपी मुद्दा नहीं मानती है आरएसएस उसे गंभीर स्थिति मानता है?

उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी 'भारत जोड़ो यात्रा' पर हैं। राहुल बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक असमानता के मुद्दों को उठाते रहे हैं। राहुल लगातार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं जिसमें वह कहते हैं कि दो भारत बन गया है जिसमें एक दिन ब दिन अमीर होता जा रहा है और दूसरा गरीबी रेखा से नीचे धकेला जा रहा है।