देश में ग़रीबी है। बेरोजगारी है। असमानता बढ़ रही है। देश के बड़े हिस्से को अभी भी न तो साफ़ पानी मिलता है और न ही पौष्टिक भोजन। देश की ऐसी स्थिति का आकलन किसी विपक्षी नेता ने नहीं, बल्कि बीजेपी के मातृ संगठन आरएसएस के ही नेता का है। आरएसएस के ये नेता भी कोई ऐसे वैसे नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले हैं।