मुख्तार अंसारी की उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से मौत के बाद बांदा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने इसकी न्यायिक जांच के आदेश दिये हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने अतिरिक्त सीजेएम को अंसारी की मौत की जांच करने और एक महीने में रिपोर्ट सौंपने को कहा। अदालत का यह फ़ैसला तब आया है जब अंसारी के परिजनों ने मौत को लेकर सवाल उठाए हैं।
इससे पहले दिन में उनके बेटे उमर अंसारी ने आरोप लगाया था कि उनके पिता को जेल में 'धीमा जहर' दिया गया। उमर अंसारी ने संवाददाताओं से कहा, 'मेरे पिता ने हमें बताया था कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है।' उन्होंने कहा कि अब पूरा देश इसके बारे में जानता है।
मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने जेल में 'धीमा जहर' देने के जिस तरह का दावा किया है, ऐसा ही दावा अंसारी के भाई और ग़ाज़ीपुर सांसद अफ़ज़ाल अंसारी ने भी किया था। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अफ़ज़ल अंसारी ने कहा, 'मुख्तार ने कहा कि उन्हें जेल में खाने में जहरीला पदार्थ दिया गया था। ऐसा दूसरी बार हुआ। करीब 40 दिन पहले भी उन्हें जहर दिया गया था। और, हाल ही में 19 मार्च को उन्हें फिर से यह दिया गया। जिसके कारण उनकी हालत खराब थी।'
अस्पताल में उनसे मुलाकात करने वाले उनके भाई अफ़ज़ल अंसारी ने मंगलवार को मीडियाकर्मियों से कहा था, 'मेडिकल कॉलेज ने एक टीम बनाई है और इलाज जारी है। वह आईसीयू में हैं और मैं उनसे पांच मिनट के लिए मिला। वह सचेत हैं। उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें खाने में कोई जहरीला पदार्थ दिया गया है। ....अगर बांदा का अस्पताल उचित इलाज नहीं कर सकता है, तो उन्हें समय पर रेफर किया जाना चाहिए।' अफजल ग़ाज़ीपुर से मौजूदा सांसद हैं।
पिछले दो वर्षों में आठ मामलों में दोषी ठहराए गए 63 वर्षीय अंसारी बांदा जेल में बंद थे। वह पूर्वी यूपी के मऊ निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे। वह एक हिस्ट्रीशीटर थे और उनके खिलाफ यूपी और दिल्ली के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में कुल 65 मामले थे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने किसी भी कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए राज्य भर में निषेधाज्ञा जारी की है। पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है, बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बांदा, मऊ, गाज़ीपुर और वाराणसी जिलों में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
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