बिहार में महागठबंधन के बीच लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सीटों का बंटवारा हो गया है। पटना के राजद कार्यालय में शुक्रवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महागठबंधन ने इसकी घोषणा कर दी है।
बिहार में राजद, कांग्रेस और वाम दलों के गठबंधन को महागठबंधन कहा जाता है। लोकसभा चुनाव के लिए इन दलों के बीच जो समझौता हुआ है उसके मुताबिक राजद 26 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। वहीं कांग्रेस पार्टी 9 सीटों पर और वाम दल 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगे।
वाम दलों को मिली 5 सीटों में से 3 सीट पर माले, एक-एक सीट पर सीपीआई और सीपीएम चुनाव लड़ेगी। समझौते के मुताबिक पूर्णिया सीट राजद के हिस्से में आयी है। इस सीट को लेकर बीते कई दिनों से कयास लगाये जा रहे हैं।
राजद ने सीटों के औपचारिक ऐलान से पहले ही इस सीट पर अपने उम्मीदवार का नाम घोषित कर दिया था। राजद ने पूर्णिया सीट पर जदयू छोड़ कर आने वाली पूर्व मंत्री बीमा भारती को अपना उम्मीदवार बनाया है।
महागठबंधन के बीच लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर पिछले कई दिनों से रस्साकसी जारी थी। चुनावों की घोषणा हो चुकी है लेकिन बिहार में महागठबंधन के बीच सीटों के बंटवारो का काम नहीं हो पा रहा था। इसके कारण संभावित उम्मीदवारों की परेशानी बढ़ती जा रही थी।
दूसरी तरफ राजद ने करीब एक दर्जन लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर कांग्रेस की परेशानी को बढ़ा दिया था। सीटों के बंटवारे से पहले ही इन सीटों पर राजद ने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर पार्टी का सिंबल बांटना भी शुरु कर दिया था।
माना जा रहा है कि बिहार में सीटों के बंटवारे का काम भी दिल्ली में बैठ कर किया गया है। दिल्ली में तीन दिनों तक कांग्रेस और राजद के नेताओं के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बैठके चलती रहीं। इसके बाद जाकर एक सहमति बनी है।
हालांकि पूर्णिया सीट को लेकर अभी भी स्थिति साफ नहीं है। अब तक तय माना जा रहा है कि पूर्णिया में राजद और कांग्रेस के बीच दोस्ताना मुकाबला देखने को मिलेगा। पप्पू यादव पहले ही कह चुके हैं कि वह इस सीट पर चुनाव लड़ेंगे।
पप्पू यादव अगले सप्ताह पूर्णिया सीट पर अपना नामांकन पत्र कांग्रेस के टिकट पर दाखिल कर सकते हैं। उन्होंने गुरुवार को कहा था कि पूर्णिया सीट छोड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।
2019 के लोकसभा चुनाव में राजद 19, कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। तब महागठंबधन का हिस्सा रही रालोसपा 5 और वीआईपी 4 सीटों पर लड़ी थी। वहीं वाम दलों ने महागठबंधन से अलग होकर 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इसमें से सिर्फ कांग्रेस एक सीट किशनगंज जीत पाई थी। राजद और वाम दलों एक सीट भी नहीं जीत पाए थे।
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