मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु और केंद्र सरकार को ममल्लापुरम में मद्रास क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट से ग्रीन्स जूलॉजिकल, रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर, गुजरात में एक हजार मगरमच्छों को ले जाने की अनुमति दे दी है।
ग्रीन्स जूलॉजिकल, रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर गुजरात के जाम नगर में है और इसे रिलायंस ज़ू (चिड़ियाघर) भी कहा जाता है।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने चेन्नई के चिंदात्रिपेट के एक पूर्व सैनिक ए. विश्वनाथन द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज करते हुए यह निर्देश पारित किया।
याचिकाकर्ता ने राज्य और केंद्र को 1,000 मगरमच्छों को चेन्नै से गुजरात के जाम नगर भेजने की अनुमति नहीं देने का निर्देश देने की मांग की और इस संबंध में सीबीआई जांच की मांग की।
याचिकाकर्ता के अनुसार, ग्रीन्स जूलॉजिकल, रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर, जाम नगर को 7,300 वर्ग फुट में चिड़ियाघर संचालित करने की अनुमति मिली थी और वहां सिर्फ 56 मगरमच्छ ही रह सकते थे।
इससे सेंट्रल जू अथॉरिटी (सीजेडए) ने ऐसा करने की जीजेडआरआरसी को अनुमति दी थी। अब रिलायंस चिड़ियाघर जाम नगर में इन 1,000 मगर मगरमच्छों को ले जाया जा सकेगा।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि चिड़ियाघर को संचालित करने के लिए निजी केंद्र को अनुमति देना वैध नहीं है क्योंकि वन्य जीवन (संरक्षण) (संशोधन) अधिनियम, 1991 और वहां बने चिड़ियाघर की मान्यता नियम 2009 में निजी चिड़ियाघर के संचालन का प्रावधान नहीं है। रिलायंस एक निजी केंद्र है।
हालांकि, प्रतिवादियों ने याचिकाकर्ता की दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनके पास 1,000 मगरमच्छों को रखने के लिए पर्याप्त जगह है। उस चिड़ियाघर ने भी चिड़ियाघर की तस्वीरें प्रस्तुत करते हुए दावा किया था कि 1,000 मगरमच्छों को उनके परिसर में आसानी से रखा जा सकता है।
अदालत ने रिलायंस चिड़ियाघर के परिसर को दिखाने वाली तस्वीरों की जांच की और पाया कि वे चिड़ियाघर की तस्वीरों और प्रस्तुतियों से संतुष्ट हैं। इसके बाद कोर्ट ने 1,000 मगरमच्छों को जाम नगर स्थानांतरित करने की अनुमति दी।
अदालत के इस आदेश से पहले ही करीब 56 मगरमच्छा जनवरी 2022 में ही रिलायंस चिड़ियाघर में ट्रांसफर कर दिए गए थे। निजी क्षेत्र में आमतौर पर वन्य जीवों को रखने की अनुमति नहीं है लेकिन रिलायंस ने सरकारी चिड़ियाघरों से बेहतर आधुनिक चिड़ियाघर जामनगर में बनाया है।
अपनी राय बतायें