कोरोना का टीकाकरण 16 जनवरी यानी आज से शुरू हो गया है। देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड को देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुँचाया भी जा चुका है। टीकाकरण शुरू होने से पहले सरकार ने भी इसमें जुटे स्टाफ़ के लिए निर्देश जारी किए हैं। जानिए, किनको टीका लगाया जा सकता है और टीकाकरण में कब-क्या किया जाएगा-
सामान्य निर्देश-
- वैक्सीन सिर्फ़ 18 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों के लिए है।
- वैक्सीन की पहली खुराक जिस कंपनी की लगी हो दूसरी भी उसी कंपनी की लगेगी।
- रक्तस्राव, प्लेटलेट की गड़बड़ी, क्लॉटिंग की समस्या वालों पर 'सावधानी' से इस्तेमाल हो।
- वैक्सीन को 2-8 डिग्री सेल्सियस पर रखा जाए। वैक्सीन जम जाए तो इस्तेमाल नहीं हो।
इन्हें भी लगा सकते हैं टीका
- जो कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनको वैक्सीन लगाई जा सकती है।
- क्रॉनिक बीमारियों और कार्डियक, न्यूरोलॉजिकल, पल्मनरी, मेटाबोलिक जैसी कई बीमारियों से जूझ रहा व्यक्ति टीका लगवा सकता है।
- एचआईवी संक्रमित या किसी भी कारण कमज़ोर इम्यून वाला व्यक्ति भी टीका लगवा सकता है।
इन्हें टीका नहीं लगेगा
- पहले कभी कोरोना वैक्सीन से रिएक्शन हो चुके व्यक्ति को वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी।
- किसी दवाई, दूसरी वैक्सीन, खाने की चीजें से एलर्जी वाले लोगों को वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी।
- क्लिनिकल ट्रायल नहीं हुआ है तो गर्भवती व धात्री महिला को वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी।
ऐसे लोगों को बाद में टीका लगेगा
- मरीज़ों की कुछ ख़ास परिस्थितियों में 4-8 हफ़्ते तक टीकाकरण टाला जाए।
- कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण दिखने वाले व्यक्ति में टीका को टाला जाए।
- गंभीर बीमार या अस्पताल में भर्ती व्यक्ति का टीकाकरण टाला जाए।
वैक्सीन लगाने के बाद क्या?
वैक्सीन लगाने के बाद इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
कोविशील्ड के लिए-
- टीकाकरण के बाद कुछ हल्के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इंजेक्शन वाली जगह पर हल्की सूजन;
- इंजेक्शन की जगह पर दर्द; सरदर्द; थकान; अंदरुनी मांसपेशियों में दर्द; जी मचलना;
- शरीर के तापमान में असामान्य वृद्धि; ठंड लगना; जोड़ में दर्द; उल्टी।
- इसमें दुर्लभ मामलों में डिमाएलिनेटिंग डिसऑर्डर यानी न्यूरोलॉजिकल समस्या आ सकती है।
कोवैक्सीन के लिए-
- टीकाकरण के बाद हल्के दुष्परिणाम हो सकते हैं। इंजेक्शन की जगह पर दर्द; सरदर्द; थकान; बुखार;
- शरीर दर्द; पेट में दर्द; उल्टी; चक्कर आना; कांपना; पसीना आना; सर्दी; खांसी; और इंजेक्शन की जगह सूजन।
- भारत बायोटेक ने कोई गंभीर दुष्परिणाम नहीं बताए हैं। इसने कहा है कि पहले और दूसरे चरण के पूरे हो चुके ट्रायल और तीसरे चरण के जारी ट्रायल में कोई दुष्परिणाम नहीं दिखे।
पहले किन्हें मिलेगा टीका?
- सबसे पहले टीका डॉक्टर, नर्स जैसे स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया जाएगा।
- बाद में स्वास्थ्य से जुड़े दूसरे लोगों, पुलिस कर्मियों जैसे फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगेगा।
- इसके बाद बुजुर्गों और एक साथ कई बीमारी से जूझने वाले लोगों को टीका लगेगा।
फिर आम लोगों को कब मिलेगा?
- प्रधानमंत्री ने कहा है कि पहले 3 करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी।
- 3 करोड़ लोगों को टीका लगाने का मतलब होगा कि 6 करोड़ टीके की ज़रूरत होगी।
- सीरम इंस्टीट्यूट को इसने 1.10 करोड़ टीके का ऑर्डर दिया है।
- प्रधानमंत्री ने कहा है कि अगले कुछ महीनों में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन मिलेगी।
- यानी आम लोगों की बारी आने में 1-2 महीने का अभी समय लग सकता है।
क़ीमत क्या होगी?
- सीरम इंस्टीट्यूट ने सरकार को 200 रुपये का एक टीका दिया। 10 रुपये जीएसटी लगा।
- आम लोगों को 1000 रुपये में पड़ेगा। यानी एक व्यक्ति को दो टीके के लिए 2000 रुपये लगेंगे।
- भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के एक डोज की सरकारी ख़रीद 295 रुपये की पड़ रही है।
- कोवैक्सीन की आम लोगों के लिए क्या क़ीमत होगी, यह अभी साफ़ नहीं है।
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