भारत में कोरोना संक्रमण के मामले 15 लाख से ज़्यादा हो गए हैं। मंगलवार सुबह ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने आँकड़े जारी कर कहा था कि भारत में 24 घंटों में 47,704 नए मामले सामने आए और संक्रमितों की संख्या बढ़कर 14,83,157 हो गई। लेकिन दिन में संक्रमण के नये मामले सामने आने के बाद यह संख्या 15 लाख के पार हो गई। आज दिन भर के आँकड़े स्वास्थ्य मंत्रालय बुधवार सुबह जारी करेगा।
इस महीने भारत में संक्रमण के मामले काफ़ी तेज़ी से बढ़े हैं। जून महीने के आख़िर में संक्रमण के मामले क़रीब 5 लाख 85 हज़ार थे, लेकिन 28 दिन में ही यह संख्या क़रीब 10 लाख बढ़ गई है। फ़िलहाल हर रोज़ संक्रमण के मामले भारत में क़रीब 50 हज़ार आ रहे हैं।
भारत से ज़्यादा हर रोज़ संक्रमण के मामले अमेरिका में क़रीब 60 हज़ार के आसपास आ रहे हैं। इस मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। तीसरे स्थान पर ब्राज़ील है जहाँ ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार 24 घंटे में 23 हज़ार मामले आए थे जबकि एक दिन पहले भी 24 घंटों में क़रीब 23 हज़ार ही नये मामले आए थे।
अब तक सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले अमेरिका में आए हैं और जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार वहाँ क़रीब 43 लाख पॉजिटिव केस आ चुके हैं। अमेरिका में 1 लाख 48 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। दूसरे स्थान पर ब्राज़ील है जहाँ क़रीब 24 लाख पॉजिटिव केस आए हैं और 87 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
भले ही सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है, लेकिन सबसे तेज़ गति से संक्रमण फैलने के मामले में भारत पहले स्थान पर आ गया है।
आख़िर के सात दिनों में भारत में औसत रूप से 3.6 फ़ीसदी की दर से मामले बढ़े हैं जबकि अमेरिका में यह दर 1.7 और ब्राज़ील में 2.4 रही है। यदि ऐसी ही दर बनी रही तो सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले में भी भारत जल्द ही अमेरिका से भी आगे निकल सकता है।
भारत में संक्रमण के इन मामलों में तेज़ी आने की वजह है कुछ राज्यों में संक्रमण के मामले ज़्यादा बढ़ना। इन राज्यों में तमिलनाडु, आँध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र जैसे राज्य शामिल हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना जैसे राज्यों में भी मामले ज़्यादा आने लगे हैं।
देश में कोरोना संक्रमण की ऐसी स्थिति होने के बावजूद सरकार की ओर से दावे किए जा रहे हैं कि दूसरे देशों की अपेक्षा भारत अच्छी स्थिति में है। कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री ने हाल में यह दावा किया कि 'सही समय पर सही फ़ैसले लेने के कारण भारत दूसरे देशों की अपेक्षा बेहतर स्थिति में है।'
हालाँकि आँकड़े कुछ और ही कहानी कहते हैं। सभी आँकड़े भारत की तसवीर अच्छी नहीं पेश करते। हालाँकि दिल्ली और मुंबई में स्थिति सुधरी है लेकिन पूरे देश में स्थिति का आकलन करने पर इसमें सुधार होता नहीं दिख रहा है।
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