देश के 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया गया है। इसकी घोषणा सोमवार देर शाम को की गई। यानी देश के अब 548 ज़िले पूरी तरह बंद रहेंगे। इससे पहले 19 राज्यों में पूरी तरह बंद और छह राज्यों में आंशिक बंद की घोषणा की गई थी। राज्यों में लॉकडाउन को इसलिए बढ़ाया गया है कि अब कोरोना वायरस तेज़ी से फैलने लगा है और पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 492 हो गई है। कोलकाता में एक व्यक्ति की मौत के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है।
लॉकडाउन के दौरान मेडिकल जैसी ज़रूरी सेवाओं को छोड़कर बाक़ी सभी सेवाएँ बंद रहेंगी। कोरोना वायरस के अब तेज़ी से फैलने से रोकने के लिए आज ही यानी मंगलवार आधी रात के बाद से सभी घरेलू उड़ानें भी बंद होंगी। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को पहले ही रद्द किया जा चुका है।
कई राज्यों में लॉकडाउन पूरी तरह सफल नहीं होने और लोगों द्वारा नियमों का उल्लंघन किए जाने पर कर्फ्यू लगा दिया गया है। पंजाब ऐसा पहला राज्य है जिसने कर्फ्यू लगा दिया है। बाद में महाराष्ट्र में भी ऐसा ही किया गया। राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार को मजबूरी में ऐसा क़दम उठाना पड़ा क्योंकि बार-बार आग्रह के बावजूद लोग बाहर सड़कों पर निकल रहे थे और नियमों को नहीं मान रहे थे। पूरे राज्य में धारा 144 लगा दी गई है। चंडीगढ़ में भी कर्फ्यू लागू है और सीमाओं को सील कर दिया गया है। कई दूसरे राज्य भी कर्फ्यू लगाने पर विचार कर रहे हैं।
हालाँकि कई राज्यों ने रविवार और सोमवार को ही लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। लेकिन जब लॉकडाउन विफल होता दिखा तो पंजाब ने कर्फ्यू लगाने की शुरुआत की। पंजाब में रविवार से ही लॉकडाउन है। उसी दिन पूरे देश भर में प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर 'जनता कर्फ्यू' की घोषणा की गई थी और लोगों ने ख़ुद से ही सुबह सात बजे से रात के नौ बजे तक घर में रहने का फ़ैसला किया था। रविवार को ही रेलवे ने पूरे देश भर में 31 मार्च तक अपनी पैसेंजर सेवाएँ बंद करने का फ़ैसला लिया था। अधिकतर राज्यों की बस सेवाएँ भी पहले से ही बंद कर दी गई हैं।
बता दें कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती बरतने को कहा गया है। जो कोई भी नियमों का उल्लंघन करेगा उस पर या तो 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा या फिर उसे छह महीने की जेल भी हो सकती है।
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