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कोरोना वायरस का ख़तरा भारत में कितना ज़्यादा, क्या घबराने की ज़रूरत नहीं?

देश में कोरोना वायरस के दो नये मरीजों की पुष्टि के बाद अब लोगों की चिंताएँ बढ़ गई हैं और सरकार की भी। स्वास्थ्य मंत्रालय एडवाजरी जारी कर रहा है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नसीहत दे रहे हैं। मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि कोरोना वायरस से घबराने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें साथ मिलकर काम करने की ज़रूरत है और ख़ुद भी सावधानियाँ बरतनी चाहिए। प्रधानमंत्री का यह ट्वीट ऐसे समय में आया है जब देश में कोरोना वायरस के फैलने का ख़तरा है। नोएडा के एक स्कूल के कई बच्चों का ब्लड सैंपल लिया गया है। बढ़ते ख़तरे के बीच ही कांग्रेस नेता राहुल ने भी कहा है कि इस बड़े संकट से निपटने के लिए तैयारी होनी चाहिए।

भारत में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या छह हो गई है। जयपुर में घूमने आए इटली के पर्यटक में इस वायरस की पुष्टि हुई है। इससे पहले सोमवार को दो पॉजिटिव केस आने के बाद भारत में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़कर पाँच हो गई थी। ये जो दो नए पॉजिटिव केस हैं उनमें से एक दिल्ली का है और दूसरा हैदराबाद का। नये मामलों के आने के बाद लोगों में चिंताएँ ज़्यादा बढ़ गई हैं। अब ऐसे लोगों को ढूंढा जा रहा है जो उन पॉजिटिव पाए गए लोगों के संपर्क में आए थे।

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कोरोना वायरस का डर दुनिया भर में इसलिए बढ़ता जा रहा है क्योंकि अब तक दुनिया भर में कोरोना वायरस के 91 हज़ार से ज़्यादा मामले आ चुके हैं। 3100 से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं। इससे 77 देश प्रभावित हैं। चिंता की बात इसलिए भी है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ का ही कहना है कि यह एक नया वायरस है। चीन के हुएई प्रांत के वुहान शहर में न्यूमोनिया के कई केस आने के बार में डब्ल्यूएचओ को 31 दिसंबर 2019 को जानकारी दी गई थी। यह वायरस अलग तरह का वायरस था। डब्ल्यूएचओ के अनुसार यही बड़ी चिंता की वजह थी क्योंकि यह पता नहीं था कि यह लोगों को कैसे प्रभावित करता है। इस नये वायरस का नया नाम 2019-CoV दिया गया है। यह सामान्य तौर पर होने वाले जुकाम वाले वायरस या इसी तरह के एसएआरएस यानी गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम और एमईआरएस (मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) वायरस की तरह का है। 

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भारत में भी चिंताएँ इसलिए बढ़ी हैं क्योंकि दिल्ली में कोरोना वायरस के पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति के परिवार के कुछ सदस्यों को सफदरजंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। उनमें भी कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति के लिए काम करने वाले एक अकाउंटेंट को भी भर्ती कराया गया है।

इस वायरस के डर से नोएडा में बड़े स्कूलों में से एक को बंद कर दिया गया है। स्कूल ने यह फ़ैसला इसलिए लिया क्योंकि एक छात्र का अभिभावक कोरोना वायरस का पॉजिटिव पाया गया है। इन्हीं आशंकाओं के बीच एक और स्कूल ने 3 मार्च से 11 मार्च तक बंद करने का फ़ैसला लिया है।

आगरा में छह संदिग्ध केस आए हैं। ये सभी दिल्ली में उस व्यक्ति से संपर्क में आए थे जो कोरोना वायरस से पीड़ित था। पुष्टि के लिए उनके सैंपल पुणे के लैब में भेजे गए हैं। 

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को एडवाइजरी जारी की। इस इडवाइजरी में कहा गया है कि 3 मार्च या इससे पहले इटली, ईरान, दक्षिण कोरिया, जापान के उन नागरिकों को जारी किए गए सभी रेगुलर वीजा और ई-वीजा को निलंबित कर दिया गया है जो अभी भारत में दाखिल नहीं हुए हैं।  

अब ज़ाहिर है दुनिया भर में जब इस वायरस से इतना ज़्यादा खौफ है और भारत में भी स्थिति अच्छी नहीं दिख रही है तो तैयारियाँ तो ठीक होनी ही चाहिए। देश की चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए यह और भी ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है। 

इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है जहाँ इलाज के लिए आधारभूत सुविधाएँ भी नहीं हों वहाँ कोरोना वायरस फैलने की स्थिति में कैसी हालत होगी।

ऐसे में कोरोना वायरस को रोकने के लिए कांग्रेस नेता का बार-बार ट्वीट करना और सरकार को इस पर ध्यान देने की बात कहना भी ठीक है और प्रधानमंत्री मोदी का ट्वीट करना भी। प्रधानमंत्री के ट्वीट करने से एक संदेश यह भी जाएगा कि इस वायरस के ख़तरे की आशंका को हल्के में नहीं लिया जाए। 

डर इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि इसका इलाज अब तक ढूँढा नहीं जा सका है। हालाँकि सामान्य प्रक्रिया से ही इलाज किया जा रहा है और अब तक 48 हज़ार से ज़्यादा लोग इस वारयस से ग्रसित लोग पूरी तरह उबर चुके हैं। चूँकि अब तक इसका इलाज नहीं ढूँढा जा सका है इसलिए इसे रोकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने बचाव के उपाए बताए हैं। 

ये बरतें सावधानियाँ?

  • जब हाथ गंदा दिख रहा हो तो साबुन से हाथ धोएँ
  • जब हाथ गंदा नहीं भी हो तो भी बार-बार हाथ को धोएँ
  • खाँसने या छींकने के बाद हाथ को ज़रूर धोएँ।
  • खाना बनाने से पहले और बाद में अच्छी तरह हाथ धोएँ। 
  • वाशरूम का इस्तेमाल करने के बाद भी हाथ को अच्छी तरह धोएँ। 
  • संक्रमण से बचने के लिए किसी से हाथ मिलाने के बाद हाथों को धोएँ।
  • खाँसते या छींकते समय मुँह और नाक को ढँके।
  • पालतू और जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
  • ऐसे जानवरों के संपर्क में आ भी जाएँ तो हाथों को अच्छी तरह धोएँ।
  • यदि जुकाम, बुखार और साँस लेने में दिक्कत हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
  • यदि जुकाम, बुखार जैसी बीमारी हो तो दूसरों से संपर्क में आने से बचें।
  • आँखों, नाक और मुँह को छूने से बचें।
  • जब ऐसी दिक्कतें महसूस हो तो घर पर ही रहें।
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क़मर वहीद नक़वी
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