कोरोना महामारी की दूसरी लहर अभी ख़त्म नहीं हुई है, लेकिन इसकी तीसरी लहर के बारे में अनुमान लगाया जा रहा है और वह भयावह है। मैथमैटिकल मॉडलिंग के आधार पर अनुमान लगाया गया है कि कोरोना महामारी की अगली यानी तीसरी लहर छह से आठ महीने में आ सकती है।
विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। ससेप्टेबल अनडिटेक्टेड टेस्टेड यानी 'सूत्र' ने मैथमैटिकल मॉडलिंग के ज़रिए अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है।
इसके मुताबिक तीसरी लहर छह-आठ महीने बाद आएगी, यह स्थानीय स्तर पर सीमित रहेगी और इससे बहुत अधिक तादाद में लोग प्रभावित नहीं होंगे।
इस मैथैमैटिकल मॉडलिंग के जरिए मौजूदा यानी दूसरी लहर के बारे में भी अनुमान लगाया गया है। इसके मुताबिक मई के अंत तक कोरोना से रोज़ाना प्रभावित होने वालों की संख्या 1.50 लाख हो जाएगी, यह इसके बाद और गिरेगी और जून के अंत तक प्रति दिन संक्रमित होने वालों की संख्या 20 हज़ार के आस पास आ जाएगी।
क्या कहा था वैज्ञानिक सलाहकार ने?
बता दें कि इसके पहले डॉक्टर विजय राघवन ने कहा थै कि कोरोना की तीसरी लहर को नहीं टाला जा सकता है। उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का मुकाबला करने के लिए वैक्सीन को अपडेट करने की जरूरत होगी, इसके साथ ही टीकाकरण कार्यक्रम को गति भी देनी होगी।
डॉक्टर राघवन ने यह भी कहा था कि यह चिंता की बात इसलिए है कि भारत में कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही और बड़ी संख्या में लोगों को जान गंवानी पड़ी है। उन्होंने कहा था कि यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोना की यह तीसरी लहर कब आएगी, लेकिन हमें इसे लेकर सचेत रहना होगा।
यू-टर्न
लेकिन उन्होंने दो दिन बाद ही एकदम से यू-टर्न ले लिया था। डॉक्टर के. विजय राघवन ने कहा था कि यदि जरूरी कदम उठाए गए तो भारत कोरोना वायरस की तीसरी लहर को 'चकमा' दे सकता है। उन्होंने कहा था, 'यदि हमने कठोर कदम उठाए तो कोरोना की तीसरी लहर सभी स्थानों पर या फिर कहीं नहीं आएगी।'
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