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सोनिया बोलीं- लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया; जानें जिम्मेदार किसे बताया

सांसदों के निलंबन को सोनिया गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंटना क़रार दिया है। उन्होंने बुधवार को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में विपक्षी सांसदों के निलंबन को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की। कांग्रेस संसदीय दल की बैठक के बाद सोनिया पार्टी सांसदों के साथ 'लोकतंत्र बचाओ' का बैनर लेकर प्रदर्शन करने निकलीं। उन्होंने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया।

बैठक में उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है। इससे पहले कभी भी इतने सारे विपक्षी सांसदों को निलंबित नहीं किया गया था, और वह भी पूरी तरह से उचित और वैध मांग की सिर्फ आवाज उठाने के लिए।' 

कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने कहा कि विपक्षी सांसदों ने 13 दिसंबर को घटनी घटनाओं को लेकर गृहमंत्री अमित शाह के बयान की ही मांग तो की थी। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने लोकतंत्र और इसके आवश्यक स्तंभ वाले संस्थाओं पर व्यवस्थित हमला किया है। 

सरकार की प्रतिक्रिया को अहंकारी करार देते हुए सोनिया ने आगे कहा, 'जिस अहंकार के साथ इस अनुरोध का जवाब दिया गया उसका वर्णन करने के लिए कोई शब्द नहीं हैं। 13 दिसंबर को जो हुआ वह अक्षम्य है और उसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है। चार दिन लग गए प्रधानमंत्री को राष्ट्र को संबोधित करने और घटना पर अपने विचार व्यक्त करने में, और उन्होंने ऐसा संसद के बाहर किया। ऐसा करके उन्होंने साफ़ तौर पर लोकसभा की गरिमा के प्रति अपने अनादर और हमारे देश के लोगों के प्रति अपनी उपेक्षा का संकेत दिया।'

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सोनिया गांधी की यह प्रतिक्रिया संसद से 141 विपक्षी सांसदों के निलंबन को लेकर आई है। मंगलवार को ही 49  विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इससे एक दिन पहले सोमवार को ही 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले इसी सत्र में 14 सांसदों का निलंबन हुआ था। इस तरह इस सत्र में कुल मिलाकर अब तक 141 सांसदों का निलंबन हो चुका है। पिछले सप्ताह से ही संसद में सुरक्षा चूक को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर विपक्ष विरोध-प्रदर्शन कर रहा है। ये कार्रवाइयाँ संसद में हंगामे को लेकर की गईं।

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पिछले हफ्ते बुधवार को दो युवक लोकसभा के अंदर घुस गए थे और धुआं छोड़ा था। इसे बहुत बड़ी सुरक्षा सेंध माना गया। विपक्ष ने गुरुवार और शुक्रवार को इस मुद्दे पर दोनों सदनों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग की। सरकार ने दोनों सदनों में इस पर चर्चा नहीं होने दी तो हंगामा हुआ। हंगामे को लेकर ही विपक्षी सांसदों पर कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई को कांग्रेस ने लोकतंत्र पर हमला क़रार दिया है।

कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी सड़क से संसद तक जनता की आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध है, लोकतंत्र की रक्षा के लिए संकल्पित है।

सांसदों के निलंबन के विरोध में बुधवार को विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के सामने विरोध जताया। इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी समेत बड़ी संख्या में सांसद शामिल हुए। उन्होंने परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने 'लोकतंत्र बचाओ' के नारे लगाए। संसद परिसर में सांसदों ने 'लोकतंत्र की हत्या नहीं चलेगी' के नारे लगाए। 

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'नेहरू को बदनाम करने के लिए...'

इससे पहले कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित प्रमुख कानून के पारित होने का जिक्र करते हुए कहा, 'जो लोग जवाहरलाल नेहरू जैसे महान देशभक्तों को बदनाम करने के लिए इतिहास को विकृत करते हैं और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं, वे लगातार अभियान चला रहे हैं। इन प्रयासों में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने खुद मोर्चा संभाला है, लेकिन हम डरेंगे या झुकेंगे नहीं। हम सच बोलने पर कायम रहेंगे।' उन्होंने कहा, 'जम्मू और कश्मीर पर हमारी स्थिति साफ़ रही है। पूर्ण राज्य का दर्जा तुरंत बहाल किया जाना चाहिए, और जल्द से जल्द चुनाव होने चाहिए। लद्दाख के लोगों की आकांक्षाएं भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं, उनका समाधान किया जाना चाहिए और वह सम्मान दिखाया जाना चाहिए जिसके वे हकदार हैं।'

उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक को एक शर्त के साथ पारित किए जाने को 'महिलाओं को गुमराह करने और उनके वोट हासिल करने के इरादे से इसे एक दिखावा बताया। उन्होंने कहा, 'हमारा दृढ़ विश्वास है कि महिलाओं के लिए आरक्षण तुरंत लागू किया जाना चाहिए और इसमें ओबीसी समुदाय सहित सभी समुदायों की महिलाओं को शामिल किया जाना चाहिए।'

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क़मर वहीद नक़वी
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