क्या बीजेपी का मक़सद विपक्ष मुक्त संसद बनाना है? बिल्कुल उसी तरह जिस तरह से यह लगातार कहती रही है कि देश को कांग्रेस मुक्त बनाना है? यह सवाल भले ही काल्पनिक लगे, लेकिन मौजूदा शीतकालीन सत्र से 141 सांसदों के निलंबन के बाद कांग्रेस ने ही इस तरह का आरोप लगा दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और भाजपा देश में 'एकल पार्टी शासन' लाना चाहते हैं और संसद से सांसदों का निलंबन उसी के लिए किया गया है।
141 MPs have been suspended because they wanted a statement from the Home Minister on the grave security breach.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 20, 2023
6 intruders have been booked under anti-terror, UAPA law.
The BJP MP who facilitated the entry of the intruders, remains scot-free and has not yet been questioned.…
कांग्रेस नेता ने कहा कि घुसपैठियों के प्रवेश की सुविधा देने वाले भाजपा सांसद अभी भी निर्दोष हैं और उनसे अभी तक पूछताछ नहीं की गई है, जबकि 141 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है क्योंकि वे संसद में गंभीर सुरक्षा चूक पर गृह मंत्री से बयान चाहते थे।
उन्होंने पूछा है कि यह किस तरह की जांच है। उन्होंने कहा, 'संसदीय सुरक्षा के लिए जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारियों को जवाबदेह क्यों नहीं बनाया गया? अब तक गाज गिर जानी चाहिए थी।' खड़गे ने कहा कि जाहिर तौर पर घुसपैठिए महीनों से इसकी साज़िश रच रहे थे और पूछा कि इस बड़ी खुफिया विफलता के लिए कौन जिम्मेदार है।
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प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी देश में 'एकल पार्टी शासन' स्थापित करना चाहती है। वे 'एक अकेला' की बात करते हैं जो लोकतंत्र को ध्वस्त करने के समान है। उन्होंने विपक्षी सांसदों को निलंबित करके ठीक यही किया है।
मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस अध्यक्ष
बता दें कि इसी साल फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी ने खुद राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा था कि एक अकेला सब पर भारी है।
तब विपक्ष को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सीना ठोकते हुए कहा था कि 'सभापति जी, देश देख रहा है कि एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है। नारे बोलने के लिए भी इनको (सांसदों को) बदलना पड़ता है। दो मिनट ये बोलता है। इधर घंटे भर से आवाज दबी नहीं है।'
बहरहाल, कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस शर्मनाक सुरक्षा चूक के लिए उच्च पदों पर बैठे लोगों को दंडित करने के बजाय, उन्होंने सांसदों के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन लिया है, जिससे वे जवाबदेही से बच रहे हैं।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अपने सांसदों के निलंबन के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और सुरक्षा उल्लंघन के मुद्दे पर गृह मंत्री से बयान की मांग करते हुए संसद की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं।
सांसदों के निलंबन के विरोध में बुधवार को विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के सामने विरोध जताया। इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी समेत बड़ी संख्या में सांसद शामिल हुए। उन्होंने परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने 'लोकतंत्र बचाओ' के नारे लगाए। संसद परिसर में सांसदों ने 'लोकतंत्र की हत्या नहीं चलेगी' के नारे लगाए। उनका यह प्रदर्शन 141 सांसदों के निलंबन के बाद आया है।
बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पिछले हफ्ते बुधवार को दो युवक लोकसभा के अंदर घुस गए थे और धुआं छोड़ा था। इसे बहुत बड़ी सुरक्षा सेंध माना गया। विपक्ष ने गुरुवार और शुक्रवार को इस मुद्दे पर दोनों सदनों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग की। सरकार ने दोनों सदनों में इस पर चर्चा नहीं होने दी तो हंगामा हुआ। हंगामे को लेकर ही विपक्षी सांसदों पर कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई को कांग्रेस ने लोकतंत्र पर हमला क़रार दिया है।
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