प्रधानमंत्री मोदी और गौतम अडानी के संबंधों को लेकर जो आरोप विपक्ष लगाता रहा है, उसको अब केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा के नये बयान से बल मिला है। पूर्व केन्याई प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने ही उन्हें इस व्यापारिक घराने से मिलवाया था। इस बयान के बाद कांग्रेस ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी अडानी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं।
कांग्रेस ने ओडिंगा के वीडियो बयान को साझा करते हुए ट्वीट किया है, 'केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री रेला ओडिंगा का कहना है- नरेंद्र मोदी ने मुझे अपने दोस्त गौतम अडानी और उनके बिजनेस के बारे में बताया। अडानी के अलग-अलग प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी दी। इतना ही नहीं, नरेंद्र मोदी ने केन्याई डेलिगेशन को गुजरात बुलाकर अडानी के कारोबार के बारे में विस्तार से समझाया।'
अडानी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं नरेंद्र मोदी
— Congress (@INCIndia) October 14, 2024
केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री रेला ओडिंगा का कहना है- नरेंद्र मोदी ने मुझे अपने दोस्त गौतम अडानी और उनके बिजनेस के बारे में बताया। अडानी के अलग-अलग प्रोजेक्टस के बारे में जानकारी दी।
इतना ही नहीं...
नरेंद्र मोदी ने केन्याई… pic.twitter.com/haSLvFcpsv
पार्टी ने आरोप लगाया, 'केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री का ये खुलासा बेहद गंभीर है, जो बताता है कि नरेंद्र मोदी किस तरह अपने दोस्त अडानी के लिए एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। मोदी विदेश में अडानी की मार्केटिंग करते हैं और उसे अरबों की डील दिलवाते हैं। नरेंद्र मोदी का साफ फंडा है- विदेश जाऊंगा, दोस्त को धंधा दिलाऊंगा... खूब अमीर बनाऊंगा।'
मोदी सरकार पर अडानी समूह का पक्ष लेने और उसकी मदद करने का आरोप लगाया गया है। वीडियो में ओडिंगा कहते सुने जा सकते हैं, 'प्रधानमंत्री मोदी ने केन्या सरकार के एक मिशन को गुजरात आने के लिए कहा और मुझे इन कंपनियों की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को देखने का मौका मिला, जिसमें बंदरगाह, बिजली संयंत्र, रेलवे लाइन और भारत सरकार द्वारा दान की गई विकसित हवाई पट्टी शामिल है। मैं अडानी समूह की कंपनियों के बारे में बात कर रहा हूँ।'
केन्या में अडानी समूह को बुनियादी ढांचा परियोजनाएं सौंपने को लेकर विवाद के बीच कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री पर इस समूह के साथ उनके संबंधों को लेकर हमला बोला।
मोदानी फिर से चर्चा में हैं - इस बार केन्या में। पूर्व प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा, जो अडानी समूह के पक्ष में पक्षपात करने के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं, ने स्वीकार किया है कि उन्हें एक दशक से भी ज्यादा समय पहले गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इस व्यवसायी से मिलवाया था, और… pic.twitter.com/OG7PEGa8Ms
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 14, 2024
इस वीडियो को साझा करते हुए पवन खेड़ा ने कहा है, 'पिछले 10 वर्षों से भारत की विदेश नीति की यही कहानी रही है - अडानी द्वारा। अडानी के लिए। अडानी का।'
मोदी सरकार पर अडानी समूह का पक्ष लेने और उसकी मदद करने का आरोप लगाया गया है। हाल ही में बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद एक बिजली परियोजना के भविष्य को लेकर सवाल उठे थे। इसके बारे में एक वर्ग का आरोप है कि नई दिल्ली के दबाव के कारण इसे मंजूरी दी गई।
इससे पहले श्रीलंकाई सरकार के एक अधिकारी ने संसदीय पैनल के समक्ष दावा किया था कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने नवंबर 2021 में उनसे कहा था कि मोदी उन पर पवन ऊर्जा परियोजना को अडानी समूह को सौंपने के लिए 'दबाव' बना रहे हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली श्रीलंका की नई सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह पवन ऊर्जा परियोजना के लिए अडानी समूह को पिछली सरकार द्वारा दी गई मंजूरी पर पुनर्विचार करेगी।
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