loader

कांग्रेस की शाह को दो टूक- 'हम गुपकार गठबंधन में शामिल नहीं'

गुपकार गठबंधन में कांग्रेस है या नहीं, बीजेपी द्वारा लगातार ये सवाल पूछे जाने के बाद घिरती दिख रही कांग्रेस ने उसे दो टूक जवाब दिया है। इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेन्स के नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने भी अमित शाह के गुपकार गठबंधन को गुपकार गैंग बताए जाने पर पलटवार किया था। 

गुपकार गठबंधन के नेताओं का कहना था कि उन्हें कांग्रेस का भी समर्थन हासिल है लेकिन अब पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस इस गठबंधन में शामिल नहीं है। 

डीडीसी चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ी

कश्मीर में डीडीसी यानी डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल (डीडीसी) के चुनावों को लेकर सरगर्मियों तेज़ हैं और इन चुनावों में बीजेपी ने धारा 370 को मुद्दा बनाया है। राज्य में डीडीसी के अलावा, पंचायत और स्थानीय निकायों के उपचुनाव भी होने हैं। ये चुनाव 28 नवंबर से 24 दिसंबर के बीच आठ चरणों में होंगे। डीडीसी के चुनावों में गुपकार गठबंधन मिलकर अपने उम्मीदवार उतार रहा है और उसका सीधा मुक़ाबला बीजेपी से है। 

ताज़ा ख़बरें
गुपकार गठबंधन में नेशनल कॉन्फ्रेन्स, पीडीपी, जम्मू एंड कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेन्स, पीपल्स मूवमेंट पार्टी, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेन्स और सीपीआई (एम) शामिल हैं। 

शाह के ताबड़तोड़ ट्वीट 

अमित शाह ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा था कि गुपकार गैंग ग्लोबल होता जा रहा है और ये लोग चाहते हैं कि विदेशी ताक़तें जम्मू-कश्मीर में दख़ल दें। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पूछा था कि क्या वे गुपकार गैंग के क़दमों का समर्थन करते हैं। शाह ने कहा था कि उन्हें भारत के लोगों के सामने इस मुद्दे पर अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए। 

शाह ने कहा था कि ‘कांग्रेस और गुपकार गैंग जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद और उथल-पुथल वाले दौर में वापस ले जाना चाहता है।’ शाह ने हालिया बिहार चुनाव और उपचुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन की ओर इशारा करते हुए कहा था कि यही कारण है कि लोग उन्हें हर जगह ख़ारिज कर रहे हैं।

‘पीडीपी के साथ क्यों बनाई सरकार’

सुरजेवाला ने शाह को जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर सहित भारत के आंतरिक मामलों में न तो कोई विदेशी दख़लअंदाजी स्वीकार की है और न ही करेगी। उन्होंने बीजेपी पर हमला बोला और पूछा कि जिस पीडीपी की वे आलोचना कर रहे हैं, उसके साथ मिलकर उसने जम्मू-कश्मीर में सरकार क्यों बनाई थी। 

देश से और ख़बरें
सुरजेवाला ने अमित शाह से पूछा कि वे यह बताएं कि उन्होंने पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई को पठानकोट एयरबेस हमले की जांच के लिए न्यौता देकर भारत क्यों बुलाया था। इसके अलावा पीडीपी-बीजेपी सरकार के समय अप्रैल, 2015 में मसरत आलम को कश्मीर में पाकिस्तान का झंडा लहराने और भारत विरोधी नारे लगाने की इजाजत कैसे दी गई थी। 
हाल ही में पदोन्नत कर कांग्रेस महासचिव बनाए गए सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक ढंग से चुनाव कराने की पक्षधर है और इसी उद्देश्य से वह डीडीसी के चुनाव लड़ रही है ताकि बीजेपी के जनविरोधी चेहरे को बेनकाब कर सके।

महबूबा-उमर भी हमलावर

महबूबा और उमर ने भी अमित शाह से पूछा था कि चुनाव लड़ना कब से एंटी नेशनल हो गया है। महबूबा ने कहा था, ‘बीजेपी सत्ता की भूख के लिए मर्जी जितने गठबंधन बना सकती है लेकिन हमारे यूनाइटेड फ़्रंट बनाने से न जाने किस तरह राष्ट्रीय हित कमजोर हो रहे हैं।’

देखिए, इस विषय पर चर्चा- 
धारा 370 की बहाली के लिए बने गुपकार गठबंधन में शामिल उमर ने कहा था, ‘यह केवल जम्मू-कश्मीर में ही हो सकता है कि जहां नेताओं को हिरासत में रखा जाए और चुनावों में भाग लेने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सपोर्ट करने के लिए उन्हें एंटी नेशनल भी कहा जाए।’ 
बीजेपी ने कश्मीर से धारा 370 को हटाने के मुद्दे को देश की राष्ट्रीय एकता और अखंडता से जोड़ा है और वह लगातार कांग्रेस पर हमले कर रही है।

पीएजीडी में सीटों का बंटवारा 

उधर, गुपकार गठबंधन या पीपल्स एलायंस फ़ॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) ने मंगलवार को डीडीसी के तीसरे चरण के चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे का एलान कर दिया। तीसरे चरण में 16 सीटों के लिए चुनाव होगा। इनमें से पीडीपी 8, नेशनल कॉन्फ्रेन्स 6, जम्मू एंड कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेन्स और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेन्स 1-1 सीट पर चुनाव लड़ेंगे। पीएजीडी के प्रवक्ता सज्जाद गनी लोन ने यह जानकारी दी। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें