loader

चीन ने अरुणाचल में बसाया पूरा गांव, 100 घर बनाए 

चीन शायद एलएसी पर निर्माण करने से बाज़ नहीं आना चाहता। वह अरुणाचल प्रदेश में भारत की सीमा के अंदर घुस आया है और उसने एक पूरा गांव बसा लिया है। इस गांव में 100 घर हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग की सालाना रिपोर्ट में यह बात कही गई है। 

यह गांव पूरी तरह से भारत के क्षेत्र में बसाया गया है। एनडीटीवी ने इस गांव में बने घरों की सैटेलाइट इमेज भी कुछ महीने पहले जारी की थी। 

अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2020 में, पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना (पीआरसी) ने भारत-चीन के बीच इस विवादित क्षेत्र में 100 घर बना लिए। यह इलाक़ा पीआरसी के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और अरुणाचल प्रदेश के बीच में है। थोड़ा और साफ करें तो यह एलएसी के पूर्वी सेक्टर में है। 

ताज़ा ख़बरें

सरकार से सवाल

इस गांव के निर्माण को लेकर पहले भी जब ख़बरें आई थीं तब भी मीडिया और विपक्ष ने मोदी सरकार से सवाल पूछा था कि आख़िरकार चीन भारत के क्षेत्र में घुसकर इस तरह की हरक़तें कैसे कर रहा है। 

विवादित रहा है क्षेत्र 

यह गांव ऊपरी सुबनसिरी जिले के त्सारी चू नदी के किनारे बसा हुआ है। इस नदी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 1962 के युद्ध से पहले कई बार झड़प हो चुकी है। यह इलाक़ा भारत और चीन के बीच लंबे वक़्त से विवादित भी रहा है और सैन्य संघर्ष वाला क्षेत्र रहा है।

China village in arunachal pradesh constructed homes - Satya Hindi

चीन ने इस इलाक़े में छोटी सैन्य चौकी बनाई थी लेकिन साल 2020 में उसने भारतीय क्षेत्र के अंदर पूरा गांव बसाना शुरू कर दिया और इसके साथ ही सड़कों का भी निर्माण किया। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच सीमा पर चल रहे तनाव को कम करने के लिए चल रही सैन्य और राजनीतिक वार्ता के बाद भी पीआरसी एलएसी पर अपना दावा करने के लिए इस तरह की कार्रवाई कर रही है। 

पिछले महीने ईस्टर्न आर्मी के प्रमुख कमांडर मनोज पांडे ने कहा था कि चीन दोहरे उपयोग वाला गांव बसा रहा है और सैनिक भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। 

चीन एलएसी के नजदीक सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में लगातार निर्माण कार्य कर रहा है और तिब्बत के क्षेत्र में भी वह अरबों डॉलर ख़र्च कर रहा है। वह यहां रेल और सड़कों का जाल बिछा रहा है और कई गांवों को बसा रहा है।

सीमा पर अशांति 

पिछले साल जून में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक मुठभेड़ हो चुकी है। इसके बाद कई दौर की सैन्य वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी भी सीमा विवाद पूरी तरह शांत नहीं हुआ है। 

देश से और ख़बरें

चीन और भारत के बीच विवाद का मुख्य कारण चीन का सीमांत इलाक़ों में लगातार ढांचागत काम करते रहना भी है। इसके जवाब में भारत ने भी सीमाई इलाक़ों में बेहतर सड़कें और जवानों के लिए ज़रूरी सुविधाओं का विस्तार किया है। 

चालबाज़ चीन 

गलवान में हुई मुठभेड़ के बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर एलएसी का उल्लंघन करने के आरोप लगाए थे। इस बीच कई बार इस तरह की सैटेलाइट तसवीरें सामने आईं जिनसे पता चला कि चीन एक तरफ़ तो बातचीत से सीमा विवाद के मुद्दे को हल करने का दिखावा कर रहा है और दूसरी तरफ़ उसने एलएसी पर बड़े पैमाने पर बंकर, तोपों की तैनाती और सैन्य ढांचे को खड़ा कर लिया है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें