अब मध्य प्रदेश में भी उत्तर प्रदेश और हरियाणा की तरह तोड़-फोड़ के विरुद्ध काफी सख्त क़ानून लाया जा रहा है। इस क़ानून का स्वागत इसलिए किया जाना चाहिए कि राजनीतिक प्रदर्शनकारी ही नहीं, कई असामाजिक और अपराधी लोग भी भयंकर तोड़-फोड़ कर देते हैं और फिर छुट्टे घूमते हैं। यही अपराध वे अकेले में करें तो वे जेल और जुर्माना भुगतेंगे लेकिन भीड़ बनाकर जब वे सरकारी और निजी संपत्तियों को नष्ट करते हैं तो वे साफ-साफ बच निकलते हैं लेकिन अब यह क़ानून बन जाने पर वे भीड़ को अपने कवच की तरह इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
राज्य सरकारों का तोड़-फोड़ विरोधी क़ानून बनाना बेहतर क़दम
- विचार
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- 5 Nov, 2021

यदि यह क़ानून ज्यों का त्यों बन गया तो इसके लागू होने के पहले ही इसका असर होने लगेगा। इसके डर के मारे तोड़-फोड़ लगभग बंद हो जाएगी। यह क़ानून लोगों को सिखाएगा कि वे किसी भी मुद्दे पर अपना असंतोष, असहमति और क्रोध जरुर प्रकट करें लेकिन मर्यादा भंग न करें।
होगी सख़्ती
मप्र में इस क़ानून का जो मसविदा सामने आया है, वह काफी सख्त है। उसके मुताबिक जो भी व्यक्ति किसी सरकारी या निजी संपत्ति को नष्ट करते हुए पाया जाएगा, उससे उस संपत्ति की दुगुनी कीमत वसूली जाएगी।