चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की मुश्किलें मोदी सरकार और बढ़ाने वाली है। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता भंग करने के मामले में प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को क्लीनचिट देने के मामले में आपत्ति की थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने 11 सरकारी कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे 2009 से 2013 के बीच अशोक लवासा के उन संबंधित कंपनियों में कार्यकाल में उनकी 'गड़बड़ियों' को ढूँढें।
मोदी को क्लीनचिट पर सवाल उठाने वाले लवासा की जाँच-पड़ताल क्यों?
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- 5 Nov, 2019
लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता भंग करने के मामले में प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को क्लीनचिट देने से असहति रखने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवाला की मुश्किलें सरकार और बढ़ाने वाली है।

'द इंडियन एक्सप्रेस' ने 29 अगस्त को जारी गोपनीय पत्र के आधार पर यह ख़बर दी है कि विद्युत सचिव की 'मंज़ूरी' के बाद इसे पीएसयू यानी सरकारी कंपनियों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों यानी सीवीओ को भेजा गया है। इसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पहले से ही लवासा के परिवार के तीन लोगों के ख़िलाफ़ आयकर विभाग कार्रवाई कर रहा है। इनके परिवार की मुश्किलें तब से बढ़ गई हैं जब से उन्होंने चुनाव आयोग के फ़ैसलों में गड़बड़ियों को लेकर शिकायतें की हैं।