कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों से केंद्र सरकार घिर गई है और वह इन क़ानूनों को किसानों के पक्ष में बताने के लिए बीते कुछ महीनों में लगभग 8 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। यह रकम सरकार के अलग-अलग विभागों द्वारा सितंबर 2020 से लेकर जनवरी 2021 के बीच खर्च की गई है। इसके जरिये सरकार ने कोशिश है कि कृषि क़ानूनों को लेकर किसानों की आशंकाओं को दूर किया जाए।
कृषि क़ानून: मिथक दूर करने के लिए केंद्र ने खर्च किए 8 करोड़
- देश
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- 13 Feb, 2021
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों से केंद्र सरकार घिर गई है और वह इन क़ानूनों को किसानों के पक्ष में बताने के लिए बीते कुछ महीनों में लगभग 8 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।

कृषि मंत्रालय के अलावा सरकार के बाक़ी मंत्रालयों ने भी इसे लेकर प्रेस कॉन्फ्रेन्स की हैं और कृषि क़ानूनों को लेकर मीडिया में विज्ञापन जारी किए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को संसद में बताया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ़ आउटरीच एंड कम्युनिकेश विभाग ने इससे जुड़े विज्ञापन देने पर 7.25 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।