कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों से केंद्र सरकार घिर गई है और वह इन क़ानूनों को किसानों के पक्ष में बताने के लिए बीते कुछ महीनों में लगभग 8 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। यह रकम सरकार के अलग-अलग विभागों द्वारा सितंबर 2020 से लेकर जनवरी 2021 के बीच खर्च की गई है। इसके जरिये सरकार ने कोशिश है कि कृषि क़ानूनों को लेकर किसानों की आशंकाओं को दूर किया जाए।