सीबीआई ने नीट यूजी-2024 पेपर लीक मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक वह है जिसने कथित तौर पर ट्रंक से प्रश्नपत्र चुराया था। चुराने वाला यह आरोपी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जमशेदपुर से 2017 बैच का सिविल इंजीनियर पंकज कुमार उर्फ आदित्य है।
पंकज ने कथित तौर पर हजारीबाग में एक सीलबंद ट्रंक से प्रश्नपत्र चुराया था। पीटीआई ने बताया कि बोकारो निवासी पंकज कुमार को पटना से गिरफ्तार किया गया। दूसरे आरोपी की पहचान राजू सिंह के रूप में हुई है, जिसने कथित तौर पर पेपर चुराने और उन्हें गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचाने में पंकज की मदद की थी। राजू को हजारीबाग से गिरफ्तार किया गया।
इन दोनों के साथ ही मेडिकल प्रवेश परीक्षा में पेपर लीक, नकल और अन्य अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या अब 14 हो गई है।
जांच एजेंसी ने परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच करते हुए छह एफआईआर दर्ज की हैं। बिहार में दर्ज एफआईआर पेपर लीक से संबंधित है, जबकि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर उम्मीदवारों की नकल और धोखाधड़ी से संबंधित हैं।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया कि 'एसबीआई हजारीबाग से विभिन्न केंद्रों पर प्रश्नपत्रों के नौ सेट भेजे गए थे। ओएसिस स्कूल केंद्र पर पहुंचे सेट की सील टूटी हुई थी। वहां के कर्मचारियों ने कोई अलार्म नहीं बजाया और इस तरह उनकी भूमिका स्थापित हो गई।'
उन्होंने बताया कि तकनीकी साक्ष्य के आधार पर, उन्होंने पटना के लर्न एंड प्ले स्कूल में तलाशी ली थी, जहां कुछ जले हुए पेपर बरामद हुए थे। उन्होंने कहा कि बाद में मामले को बिहार आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अपने हाथ में ले लिया। उन्होंने कहा कि 21 जून को एनटीए ने खुलासा किया कि कोड ओएसिस स्कूल में मिले पेपर से मेल खाता है।
नीट का यह मामला तब सामने आया था जब पहली बार बड़ी संख्या में छात्र टॉप कर गए। इसके बाद पता चला कि इस बार कुछ सेंटर पर पेपर देरी से दिए जाने के लिए ग्रेस मार्क्स दिए गए। इसी बीच बिहार पुलिस ने पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई की और कुछ आरोपियों को गिरफ़्तार किया। बिहार सरकार की आर्थिक अपराध इकाई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसकी जांच से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि नीट-यूजी परीक्षा में पेपर लीक हुआ है। नीट पेपर लीक मामले की जाँच बिहार के बाद महाराष्ट्र, गुजरात होते हुई दिल्ली सहित कई राज्यों तक पहुँची। इन राज्यों में कई गिरफ़्तारियाँ की गई हैं।
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