भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों के बीच कराए गए एक ऑनलाइन सर्वे में बेहद मजेदार बात सामने आई है। सर्वे कहता है कि ऐसे लोग अमेरिका की राजनीति के बारे में बात करने पर उदार विचारों का समर्थन करते हैं लेकिन जब भारत के मुद्दों पर उनसे राय मांगी जाती है तो वे ऐसा नहीं सोचते यानी रूढ़िवादी हैं या कट्टरता का समर्थन करते हैं।
उदाहरण के लिए, सर्वे से पता चला कि हिंदू और ग़ैर हिंदू इस बात पर सहमत हैं कि श्वेत श्रेष्ठतावाद अमेरिका के लिए ख़तरा है लेकिन जब सवाल भारत में हिंदू बहुसंख्यकवाद के ख़तरे को लेकर पूछा गया तो वे पहले वाली बात से उलट रूख़ अपना लेते हैं।
कार्नेगी सेंटर फॉर एनडाउमेंट ऑफ़ पीस, जॉन्स हापकिन्स यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेन्सिलवेनिया के ऑनलाइन ने यह सर्वे कराया है। सर्वे सितंबर, 2020 में कराया गया और इसमें भारतीय मूल के 1200 अमेरिकियों से बात की गई।
सर्वे में शामिल कुल लोगों में से आधे से कुछ ज़्यादा इस बात को मानते हैं कि हिंदू बहुसंख्यकवाद भारत में अल्पसंख्यकों के लिए एक ख़तरा है जबकि 73% लोग मानते हैं कि अमेरिका में श्वेत श्रेष्ठतावाद अल्पसंख्यकों के लिए ख़तरा है। सर्वे में शामिल हिंदुओं में से 40% लोग हिंदू बहुसंख्यकवाद से आशंकित दिखाई देते हैं जबकि ग़ैर हिंदुओं में यह आंकड़ा 67% है।
क्या भारत सही रास्ते पर चल रहा है, इस बारे में पूछे जाने पर 36% लोग हां कहते हैं जबकि 39% लोग ऐसा नहीं मानते।
भारत में किस तरह की चुनौतियां हैं, इसे लेकर भी लोगों से उनकी राय मांगी गई। 18% लोगों ने सरकारी भ्रष्टाचार, 15% लोगों ने अर्थव्यवस्था, 10% लोगों ने धार्मिक बहुसंख्यकवाद, 8% लोगों ने स्वास्थ्य, 7% लोगों ने आतंकवाद और 6% लोगों ने जातिवाद को चुनौती बताया।
बीजेपी को बताया पसंद
सर्वे में शामिल लोगों से जब यह पूछा गया कि वे भारत में किस राजनीतिक दल को पसंद करते हैं तो 33% लोगों ने बीजेपी, 12% लोगों ने कांग्रेस, 16% लोगों ने अन्य दलों जबकि 40% लोगों ने किसी भी राजनीतिक दल का चुनाव नहीं किया।
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मोदी ज़्यादातर लोगों की पसंद
सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के समर्थकों और रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों के बीच जुड़ाव दिखा। हिंदुओं में से 69% लोगों की पसंद मोदी रहे जबकि दूसरे समुदायों के 20% से 33% लोगों ने उनका समर्थन किया। व्यवसाय के लिहाज से देखें तो इंजीनियर्स में से 61% और नॉन इंजीनियर्स में से 48% लोगों ने मोदी का समर्थन किया।
सर्वे में एक और मजेदार बात सामने आई। वह यह कि 35% लोग ख़ुद को भारत समर्थक मानते हैं लेकिन सरकार की कुछ नीतियों की आलोचना करते हैं जबकि 23% लोग भी भारत समर्थक हैं लेकिन वे सरकार की कई नीतियों की आलोचना करते हैं। 17% लोग ऐसे हैं जो भारत और वर्तमान की सरकार के लिए सकारात्मक दिखे।
भारत और अमेरिका में बीते कुछ सालों में उदारपंथी और कट्टरपंथी विचारधारा को मानने वालों के बीच जुबानी जंग बढ़ी है। हाल ही में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में और भारत में 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान यह लड़ाई देखने को मिली थी।
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