13 प्वाइंट रोस्टर का विरोध क्यों?
ऐसी आशंका जताई गई थी कि विश्वविद्यालयों में दलितों, पिछड़ों और आदिवासी तबक़ों के लिए कोटा प्रणाली के तहत आरक्षित शिक्षण पदों को लगभग समाप्त किए जाने की तैयारी है। यह आशंका दो कारणों से थी। पहला कारण यह था कि, 200 प्वाइंट वाली रोस्टर व्यवस्था की जगह 13 प्वाइंट वाली रोस्टर व्यवस्था करना। और दूसरा, विश्वविद्यालय के स्तर के बजाय विभाग या विषय के स्तर पर आरक्षण करना। कहा जा रहा था कि नई व्यवस्था में दलितों, पिछड़ों और आदिवासी तबक़ों की बारी ही नहीं आएगी।
इसलिए है आशंका
रोस्टर आरक्षण व्यवस्था में यह तय होता है कि कौन से पद किस श्रेणी में रखे जाएँगे। 200 प्वाइंट रोस्टर का अर्थ है कि 200 पद तक रोस्टर क्रमवार चलेगा, उसके बाद फिर 1 से शुरू होकर 200 पद तक जाएगा। इस हिसाब से 200 प्वाइंट रोस्टर फ़ॉर्मूले में क्रम वार सभी तबक़ों के लिए पद 200 नम्बर तक तय हो जाते हैं। लेकिन 13 प्वाइंट रोस्टर में ऐसा नहीं है।
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