यूपी में 2017 में सत्ता बदल गई और योगी आदित्यनाथ को आरएसएस के निर्देश पर राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया। योगी आदित्यनाथ वो पहले आरएसएस-भाजपा नेता हैं, जिन्होंने सत्ता पाने के बाद बुलडोजर का इस्तेमाल मुसलमानों के खिलाफ किया। वो खुद को बुलडोजर बाबा कहलवाना पसंद करने लगे। यूपी में सीएए विरोधी आंदोलन में शामिल होने वाले मुस्लिम एक्टिविस्टों के घर बुलडोजर से गिराये गए। 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यानाथ की रैलियों में बुलडोजर सजाए जाने लगे। आरएसएस के निर्देश पर जल्द ही मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद को बुलडोजर मामा कहलवाना शुरू कर दिया। इसके बाद तो गुजरात, हरियाणा, राजस्थान आदि में बुलडोजर से मुस्लिमों के घर, दुकान गिराने की कार्रवाई की जाने लगी। हरियाणा के नूंह में दंगे के दौरान मुस्लिमों की दुकानों को निशाना बनाया गया और बाद में प्रशासन ने उनकी ही दुकानों और मकानों पर बुलडोजर चला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 2022 से लंबित याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई शुरू की और बुलडोजर जस्टिस को अवैध ठहराते हुए सख्त टिप्पणियां कीं।
बुलडोजर न्यायः कभी चुप रहने वाले राहुल गांधी, मायावती, अखिलेश अब क्यों बोलने लगे?
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- 3 Sep, 2024
भाजपा शासनकाल के पिछले 10 वर्षों में अनगिनत घर बुलडोजर से गिराये गए और इसे बुलडोजर न्याय नाम दिया गया। इसकी आड़ में सबसे ज्यादा मुस्लिमों की संपत्तियों को टारगेट किया गया। मात्र आरोप लगने और एफआईआर दर्ज होने पर ही बुलडोजर से कार्रवाई हो रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस पर कड़ा रुख दिखाया। भाजपा सरकार की इस दमनकारी नीति पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती चुप्पी साधे रहे। लेकिन अब ये लोग भी मुखर होकर बोल रहे हैं। राहुल ने तो अपने बयानों में खुलकर मुस्लिम शब्द का इस्तेमाल किया है।
