सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार और प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने प्रयागराज में मकानों के विध्वंस को "अमानवीय और गैरकानूनी" करार दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को कानून के शासन का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि नागरिकों के आवासीय ढांचों को इस तरह से ध्वस्त नहीं किया जा सकता। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पीडीए को निर्देश दिया कि वह प्रभावित मकान मालिकों को छह सप्ताह के भीतर 10 लाख रुपये प्रति मकान मालिक के हिसाब से मुआवजा दे। यह फैसला देश में "बुलडोजर अन्याय" के बढ़ते चलन के खिलाफ एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है।