पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने पद्म भूषण सम्मान को स्वीकार नहीं किया है। सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी ने एक ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है। जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पद्मभूषण दिए जाने के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद किया है।
बुद्धदेव भट्टाचार्य की ओर से इनकार करने के बारे में गृह मंत्रालय के अफसर ने कहा कि इस बारे में भट्टाचार्य की पत्नी को सूचित किया गया था।
सीपीएम के महासचिव प्रकाश करात ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि बिना भट्टाचार्य की सहमति के उन्हें ऐसा सम्मान देने की घोषणा क्यों कर दी गई।
उन्होंने कहा कि अगर यह उनकी सहमति के बिना किया गया है तो यह बेहद खराब बात है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस तरह के किसी भी राष्ट्रीय सम्मान को स्वीकार नहीं करती है और यह उनकी पार्टी की आधिकारिक नीति है। करात ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी के नेता राज्य सरकार के भी किसी अवार्ड या सम्मान को स्वीकार नहीं करते हैं।
इससे पहले 1990 में सीपीएम के वरिष्ठ नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ईएमएस नंबूदरीपाद ने तत्कालीन पीवी नरसिम्हा राव की सरकार के द्वारा पद्म विभूषण दिए जाने के प्रस्ताव को मना कर दिया था।
दूसरी ओर, गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक कट्टर कांग्रेसी होने के बाद भी केंद्र सरकार ने उनके किए गए कामों को पहचाना। आजाद ने कहा कि उन्होंने पंजाब में आतंकवाद के दौर में वहां के हालात को सामान्य बनाने के लिए काफी काम किया और इस दौरान उनके साथ के कई लोगों को जान गंवानी पड़ी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य द्वारा पद्म भूषण सम्मान स्वीकार न करने को गुलाम नबी आजाद से जोड़ते हुए लिखा है कि वह आजाद होना चाहते हैं ना कि गुलाम। जबकि सांसद शशि थरूर ने आज़ाद को यह सम्मान मिलने पर शुभकामनाएं दीं।
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