ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन जब कोरोना से संक्रमित हुए और उन्हें इन्टेंसिव केअर यूनिट में दाखिल कराया गया, वे इतने बीमार थे कि डॉक्टर इस पर विचार कर रहे थे कि यदि उनकी मौत हो गई तो वे क्या करेंगे।
मौत के क़रीब?
एनडीटीवी में छपी एक ख़बर के अनुसार, जॉन्सन ने ‘सन’ पत्रिका से कहा, ‘यह बहुत ही कठिन क्षण था, मैं इससे इनकार नहीं करता। स्टालिन युग में जैसी मौत होती थी, वैसी स्थिति के लिए उन्होंने तैयारी कर ली थी।’ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं बहुत अच्छी स्थिति में नहीं था, मैं यह समझ रहा था कि आपात स्थिति की तैयारी कर ली गई है। यदि मामला बिगड़ गया तो क्या करना है, डॉक्टरों ने इसकी तैयारी कर ली थी।’
ख़ुद को किया क्वरेन्टाइन
बोरिस जॉन्सन में 27 मई को कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए गए। उन्होंने कहा कि सिर्फ हल्के लक्षण थे, उन्होंने ख़ुद को आइसोलेट कर घर पर क्वरेन्टाइन कर लिया। पर एक हफ्ते बाद भी वे इससे उबर नहीं सके। जॉन्सन को 5 अप्रैल को नेशनल हेल्थ सर्विस के अस्पताल में भर्ती कराया गया, 24 घंटे बाद ही उन्हें इन्टेंसिव केअर यूनिट भेज दिया गया।पिता बने जॉन्सन!
जॉन्सन उसके बाद पिता बने। उनकी पार्टनर केरी साइमंड्स ने बेटे को जन्म दिया और यह उस समय हुआ जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री अस्पताल में पड़े-पड़े ऑक्सीजन ले रहे थे।डॉक्टरों के शुक्रगुज़ार
जॉन्सन ने कहा, ‘डॉक्टर यह सोचने लगे कि वे सबके सामने इस स्थिति को कैसे पेश करेंगे। अजीब स्थिति थी।’ब्रिटिश प्रधानमंत्री और उनकी पार्टनर साइमंड्स ने अपने बच्चे का नाम दो डॉक्टरों निक हार्ट और निक प्राइस के नाम पर रखा। बच्चे का नाम रखा गया, विल्फ्रेड लॉरी निकोलस जॉन्सन।
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