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बीजेपी नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह

कितने ताकतवर हैं ब्रजभूषण शरण सिंहः कुश्ती महासंघ का दफ्तर उनके घर लौटा

अगर आपको भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के दफ्तर में कुछ काम है तो भटकने की जरूरत नहीं है। 21, अशोक रोड पर चले आइए। यही कुश्ती महासंघ का दफ्तर है। वही पुरानी जगह, जहां पहले यह दफ्तर हुआ करता था। इस घर में महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष, पांच बार के पूर्व बीजेपी सांसद और नेता बृजभूषण शरण सिंह रहते हैं। जांच पड़ताल करने पर दफ्तर इसी घर यानी अपने पुराने पते से चलता हुआ पाया गया। महिला पहलवानों ने अपने आरोपों में यह भी कहा था कि इसी घर में यानी 21 अशोक रोड में कम से कम दो बार उन लोगों का यौन उत्पीड़न बृजभूषण शरण सिंह ने किया था।

बीजेपी नेता सिंह ने पिछले साल का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद बीजेपी ने उनके बेटे करण भूषण सिंह को यूपी के कैसरगंज सीट उतारा था। जिसे वे जीत भी गये। बृजभूषण करीब तीन दशक से इसी घर में रह रहे हैं। पांच बार तो वो खुद ही सांसद बने। 

  • हालांकि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मुकदमा दिल्ली की अदालत में चल रहा है। उनके खिलाफ आरोप भी तय किए जा चुके हैं। लेकिन यह स्पष्ट है कि भारतीय कुश्ती महासंघ का इस बीजेपी नेता से नाता टूटा नहीं है। अप्रत्यक्ष ढंग से बृजभूषण का आज भी भारतीय कुश्ती महासंघ पर कब्जा है।

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यह सब इसके बावजूद, हो रहा है कि  खेल मंत्रालय ने दिसंबर 2023 में भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया था। क्योंकि महासंघ को "पूर्व अधिकारियों द्वारा नियंत्रित परिसर" के भीतर से चलाना मंत्रालय के एक्शन के कारणों में से एक था। 

  • दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में दर्ज है कि दो महिला पहलवानों ने आरोप लगाया था कि 21, अशोक रोड पर बृजभूषण सिंह के आधिकारिक सांसद निवास पर स्थित कुश्ती महासंघ कार्यालय में उनसे छेड़छाड़ की गई, उन्हें गलत ढंग से छुआ गया था।

केंद्रीय खेल मंत्रालय ने जब 2023 में कुश्ती महासंघ को सस्पेंड कर दिया तो कुछ हफ्तों के भीतर ही कुश्ती महासंघ का दफ्तर हरि नगर में एक कमरे में पहुंच गया था। और आज भी भारतीय कुश्ती महासंघ की आधिकारिक वेबसाइट के होमपेज पर, पता अभी भी 101, हरि नगर, आश्रम चौक, नई दिल्ली-110014 दर्ज है। जब इंडियन एक्सप्रेस ने पिछली जुलाई में इस पते पर दौरा किया, तो इमारत के प्रवेश द्वार पर नेमप्लेट और छोटे कमरे के दरवाजे पर डब्ल्यूएफआई लिखा हुआ था। हालाँकि, दरवाज़ा बंद था। कार्यालय स्थान के मालिक ने कहा कि डब्ल्यूएफआई ने जगह खाली कर दी है।
इंडियन एक्सप्रेस की पड़ताल जारी रही। उसने बुधवार को फिर से 101, हरि नगर वाले दफ्तर का दौरा किया। वहां एक नया किरायेदार आ चुका था। जिसने कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ का दफ्तर "कई महीने पहले" चला गया था। कुश्ती महासंघ के मौजूदा अध्यक्ष संजय सिंह से इस बारे में जब इंडियन एक्सप्रेस ने उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने न तो फोन का जवाब दिया और न ही वाट्सऐप पर भेजे गये मैसेज का ही कोई जवाब दिया। हालांकि कुश्ती महासंघ के कोषाध्यक्ष एसपी देशवाल ने दावा किया कि "दफ्तर अभी भी 101, हरि नगर में है।"

उन्हें बताया गया कि उस पते पर तो एक नई फर्म अपना दफ्तर चला रही है और कुश्ती महासंघ का स्टाफ 21, अशोक रोड पर काम कर रहा है। इस पर देशवाल ने कहा, “फेडरेशन का काम वहीं से हो सकता है जहां इसके लोग हैं। जहां से काम करना आसान है। दफ्तर का काम दो स्थानों से हो सकता है, लेकिन आधिकारिक पता हरि नगर है। कोषाध्यक्ष के रूप में, मैं सिर्फ खाताबही (एकाउंट बुक) देखता हूँ।

हालांकि 21, अशोक रोड वाले दफ्तर की एंट्री पर कुश्ती महासंघ वगैरह नहीं लिखा हुआ है। लेकिन 22 जनवरी को यहां पर कुश्ती महासंघ का काम यथावत चल रहा था। लंबे समय से इस दफ्तर का वही स्टाफ था, जिसे बृजभूषण शरण सिंह ने रखा था। उन्हें वहां फरवरी के पहले हफ्ते में होने वाली कुश्ती रैंकिंग कार्यक्रम, ज़ाग्रेब ओपन से संबंधित दस्तावेजों को स्कैन करते हुए पाया गया। पुराना स्टाफ कंप्यूटर पर डेटा अपडेट कर रहा था, प्रमाणपत्रों की जांच कर रहा था, फाइलों में कुश्ती से संबंधित दस्तावेजों का प्रिंटआउट निकाल रहा था।

21, अशोक रोड पर काम कर रहे स्टाफ से जब इस बारे में बात की गई तो उसने कहा- "हमने कुछ महीनों तक हरि नगर से काम किया लेकिन उसके बाद वापस यहां आ गए।" अंदर बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह विराजमान थे।

इस दफ्तर का एक दरवाज़ा एक हॉल में खुलता है। वहां पर एक कमरे में बृजभूषण शरण सिंह बैठते हैं। वहीं पर लोग उनसे आकर मिलते हैं। 22 जनवरी को भी एक बड़ी कुर्सी पर बैठे "नेताजी" से मिलने के लिए लोगों की लाइन लगी हुई थी। इनमें स्थानीय भाजपा नेता, एक पूर्व मंत्री का पोता, गोंडा और बहराइच के लोकल नेता और कारोबारी शामिल थे। लगभग हर आने वाला बृजभूषण शरण सिंह के पैर छू रहा था और फोटो खिंचवा रहा था। जब बृजभूषण से सवाल किया गया कि कुश्ती महासंघ का दफ्तर उनके पते पर वापस क्यों आ गया, उन्होंने कहा कि वह "कुश्ती पर चर्चा नहीं करना चाहते।" उन्होंने कहा कि वह सिर्फ राजनीति, आगामी दिल्ली चुनाव और उत्तर प्रदेश की स्थिति के बारे में बात करना चाहते हैं। हालांकि बृजभूषण सिंह अब बीजेपी सांसद नहीं हैं, फिर भी यहीं पर रह रहे हैं।

  • बृजभूषण शरण सिंह का दावा है कि वो भारतीय कुश्ती महासंघ के कामों में दखल नहीं देते हैं। फिर भी कुश्ती महासंघ का दफ्तर उनके घर से चल रहा है।
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कुश्ती महासंघ का जो पिछला चुनाव हुआ, उसमें साफ दिखा कि बीजेपी नेता सिंह का नए पदाधिकारियों पर प्रभाव बना हुआ है। चुनाव जीतने के कुछ ही मिनटों बाद संजय सिंह अशोक रोड आए थे। उन्होंने सिंह को माला पहनाई और तस्वीरें खिंचवाईं। हवा में नारे गूंज रहे थे- "दबदबा था, दबदबा रहेगा।" और वही नारे आज भी 21, अशोक रोड पर न सिर्फ गूंज रहे हैं, बल्कि दिख भी रहे हैं। भारतीय कुश्ती महासंघ के मौजूदा अध्यक्ष संजय सिंह उनके पुराने शिष्य हैं। अब इसके आगे आप जो अंदाजा लगाना चाहते हैं। लगाएं। बीजेपी के लिए आज भी यौन शोषण का आरोपी बृजभूषण शरण सिंह महत्वपूर्ण है। बीजेपी का संरक्षण आज भी उन्हें मिला हुआ है।  

(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)
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