बीजेपी नेता सिंह ने पिछले साल का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद बीजेपी ने उनके बेटे करण भूषण सिंह को यूपी के कैसरगंज सीट उतारा था। जिसे वे जीत भी गये। बृजभूषण करीब तीन दशक से इसी घर में रह रहे हैं। पांच बार तो वो खुद ही सांसद बने।
- हालांकि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मुकदमा दिल्ली की अदालत में चल रहा है। उनके खिलाफ आरोप भी तय किए जा चुके हैं। लेकिन यह स्पष्ट है कि भारतीय कुश्ती महासंघ का इस बीजेपी नेता से नाता टूटा नहीं है। अप्रत्यक्ष ढंग से बृजभूषण का आज भी भारतीय कुश्ती महासंघ पर कब्जा है।
यह सब इसके बावजूद, हो रहा है कि खेल मंत्रालय ने दिसंबर 2023 में भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया था। क्योंकि महासंघ को "पूर्व अधिकारियों द्वारा नियंत्रित परिसर" के भीतर से चलाना मंत्रालय के एक्शन के कारणों में से एक था।
- दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में दर्ज है कि दो महिला पहलवानों ने आरोप लगाया था कि 21, अशोक रोड पर बृजभूषण सिंह के आधिकारिक सांसद निवास पर स्थित कुश्ती महासंघ कार्यालय में उनसे छेड़छाड़ की गई, उन्हें गलत ढंग से छुआ गया था।
केंद्रीय खेल मंत्रालय ने जब 2023 में कुश्ती महासंघ को सस्पेंड कर दिया तो कुछ हफ्तों के भीतर ही कुश्ती महासंघ का दफ्तर हरि नगर में एक कमरे में पहुंच गया था। और आज भी भारतीय कुश्ती महासंघ की आधिकारिक वेबसाइट के होमपेज पर, पता अभी भी 101, हरि नगर, आश्रम चौक, नई दिल्ली-110014 दर्ज है। जब इंडियन एक्सप्रेस ने पिछली जुलाई में इस पते पर दौरा किया, तो इमारत के प्रवेश द्वार पर नेमप्लेट और छोटे कमरे के दरवाजे पर डब्ल्यूएफआई लिखा हुआ था। हालाँकि, दरवाज़ा बंद था। कार्यालय स्थान के मालिक ने कहा कि डब्ल्यूएफआई ने जगह खाली कर दी है।
उन्हें बताया गया कि उस पते पर तो एक नई फर्म अपना दफ्तर चला रही है और कुश्ती महासंघ का स्टाफ 21, अशोक रोड पर काम कर रहा है। इस पर देशवाल ने कहा, “फेडरेशन का काम वहीं से हो सकता है जहां इसके लोग हैं। जहां से काम करना आसान है। दफ्तर का काम दो स्थानों से हो सकता है, लेकिन आधिकारिक पता हरि नगर है। कोषाध्यक्ष के रूप में, मैं सिर्फ खाताबही (एकाउंट बुक) देखता हूँ।
हालांकि 21, अशोक रोड वाले दफ्तर की एंट्री पर कुश्ती महासंघ वगैरह नहीं लिखा हुआ है। लेकिन 22 जनवरी को यहां पर कुश्ती महासंघ का काम यथावत चल रहा था। लंबे समय से इस दफ्तर का वही स्टाफ था, जिसे बृजभूषण शरण सिंह ने रखा था। उन्हें वहां फरवरी के पहले हफ्ते में होने वाली कुश्ती रैंकिंग कार्यक्रम, ज़ाग्रेब ओपन से संबंधित दस्तावेजों को स्कैन करते हुए पाया गया। पुराना स्टाफ कंप्यूटर पर डेटा अपडेट कर रहा था, प्रमाणपत्रों की जांच कर रहा था, फाइलों में कुश्ती से संबंधित दस्तावेजों का प्रिंटआउट निकाल रहा था।
21, अशोक रोड पर काम कर रहे स्टाफ से जब इस बारे में बात की गई तो उसने कहा- "हमने कुछ महीनों तक हरि नगर से काम किया लेकिन उसके बाद वापस यहां आ गए।" अंदर बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह विराजमान थे।
इस दफ्तर का एक दरवाज़ा एक हॉल में खुलता है। वहां पर एक कमरे में बृजभूषण शरण सिंह बैठते हैं। वहीं पर लोग उनसे आकर मिलते हैं। 22 जनवरी को भी एक बड़ी कुर्सी पर बैठे "नेताजी" से मिलने के लिए लोगों की लाइन लगी हुई थी। इनमें स्थानीय भाजपा नेता, एक पूर्व मंत्री का पोता, गोंडा और बहराइच के लोकल नेता और कारोबारी शामिल थे। लगभग हर आने वाला बृजभूषण शरण सिंह के पैर छू रहा था और फोटो खिंचवा रहा था। जब बृजभूषण से सवाल किया गया कि कुश्ती महासंघ का दफ्तर उनके पते पर वापस क्यों आ गया, उन्होंने कहा कि वह "कुश्ती पर चर्चा नहीं करना चाहते।" उन्होंने कहा कि वह सिर्फ राजनीति, आगामी दिल्ली चुनाव और उत्तर प्रदेश की स्थिति के बारे में बात करना चाहते हैं। हालांकि बृजभूषण सिंह अब बीजेपी सांसद नहीं हैं, फिर भी यहीं पर रह रहे हैं।
- बृजभूषण शरण सिंह का दावा है कि वो भारतीय कुश्ती महासंघ के कामों में दखल नहीं देते हैं। फिर भी कुश्ती महासंघ का दफ्तर उनके घर से चल रहा है।
अपनी राय बतायें