भारत में 18 साल से ऊपर की उम्र के सभी लोगों को बूस्टर डोज लग सकती है। अभी तक बूस्टर डोज वरिष्ठ नागरिकों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही लगाई जा रही थी। कोरोना के मामले हालांकि भारत में काफी कम हो गए हैं लेकिन चीन में जिस तरह एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़े हैं उससे भारत में भी चिंता बढ़ने लगी है।
केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले ही इसे लेकर राज्यों को आगाह किया है। केंद्र ने राज्यों से अपील की थी कि वह एशिया और यूरोप में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस बीमारी की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे अपने क़दमों को तेज करें।
एनडीटीवी के मुताबिक़, केंद्र सरकार अभी इस बात पर विचार कर रही है कि बूस्टर डोज को फ्री में दिया जाए या इसके लिए फीस ली जाए। वरिष्ठ नागरिकों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज फ्री में लगाई जा रही है।
उधर, भारत में संक्रमण के मामले इतने कम हो गए हैं कि बीते 24 घंटे में सिर्फ 1,549 नए मामले आए हैं और 31 लोगों की मौत हुई है। हालांकि देश में अभी तक कुल 4 करोड़ 30 लाख से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं और 5,16,510 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत वैक्सीन लगाने के मामले में भी बेहद तेज़ गति के साथ काम कर रहा है। अभी तक 181 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज लग चुकी हैं और सक्रिय मामले घटकर 25106 रह गए हैं।
भारत में हर दिन का पॉजिटिविटी रेट .40 फीसद है जबकि साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट भी .40 फीसद है।
ट्विटर पर कुछ भारतीयों ने कहा है कि उन्हें बूस्टर डोज न लगे होने के कारण विदेशों में कार्यक्रमों में भाग लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में भारत सरकार इस मामले में जल्द से जल्द विचार कर सभी वयस्कों को बूस्टर डोज लगाने के बारे में फैसला ले सकती है।
बच्चों को लग रही वैक्सीन
12 से 14 साल की उम्र के बच्चों को भी बीते 16 मार्च से वैक्सीन लगाई जा रही है। कोरोना के कम हुए मामलों के मद्देनजर कई राज्यों में स्कूल खुल गए हैं। ऐसे में बच्चों के बीच संक्रमण फैलने का खतरा है और इसे देखते हुए ही केंद्र सरकार ने इस आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन लगाने का फ़ैसला किया था। इस साल की शुरुआत में ही 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाने का काम शुरू किया गया था।
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