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5 साल में बीजेपी का चुनावी खर्च 58 फीसदी, कांग्रेस का 80 फीसदी बढ़ा 

देश में हुकूमत कर रही एनडीए सरकार की अगुवाई कर रही बीजेपी ने इस साल फरवरी-मार्च में हुए पांच राज्यों के चुनाव में 344.27 करोड़ रुपए खर्च किए। यह खर्च 5 साल पहले यानी साल 2017 में इन 5 राज्यों में हुए चुनावी खर्च से 58 फ़ीसदी ज्यादा है। 5 साल पहले बीजेपी ने इन पांच राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए 218.26 करोड़ रुपए खर्च किए थे। 

कांग्रेस ने भी 2017 के मुकाबले इन पांच राज्यों में अपने चुनावी खर्च में 2017 के मुकाबले 80 फीसद ज्यादा पैसा खर्च किया। 2022 में इन पांच राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस ने 194.80 करोड़ रुपए खर्च किए थे जबकि 2017 में उसने 108.14 करोड़ रुपए इन पांच राज्यों में चुनाव प्रचार के दौरान खर्च किए थे। इस तरह कांग्रेस ने भी अपना चुनावी खर्च 80 फीसद बढ़ाया। 

यह खबर अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने बीजेपी और कांग्रेस के द्वारा चुनाव आयोग को चुनावी खर्च के बारे में दी गई जानकारी के आधार पर प्रकाशित की है। 

बताना होगा कि यह चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा हैं। इनमें से चार राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में बीजेपी को जीत मिली थी जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ अपनी सरकार बनाई थी।
कांग्रेस के द्वारा 80 फीसद ज्यादा पैसा खर्च किए जाने के बाद भी इन चुनावी राज्यों में उसका प्रदर्शन बेहद खराब रहा। 

चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक दलों को चुनाव की घोषणा होने के बाद से चुनाव प्रक्रिया खत्म होने तक खर्च का सारा विवरण बनाना होता है और इसे चुनाव आयोग को देना होता है। 

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कहां कितना पैसा खर्च हुआ?

अखबार की रिपोर्ट कहती है कि बीजेपी के द्वारा खर्च किए गए 344.27 करोड़ रुपए में से अकेले 221.32 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश में खर्च किए गए जबकि साल 2017 में बीजेपी ने यहां 175.10 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इस तरह बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में अपने चुनावी खर्च में 26 फीसद का इजाफा किया। 

पंजाब में साल 2017 के चुनाव में बीजेपी ने 7.43 करोड़ रुपए खर्च किए थे जबकि 2022 में उसने 36.70 करोड़ रुपए खर्च किए। इस तरह बीजेपी ने पंजाब में 5 गुना ज्यादा पैसा चुनाव प्रचार में पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार खर्च किया।

बीजेपी को पंजाब में सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली जबकि 2017 में यह आंकड़ा 3 सीटों का था। 2017 में बीजेपी ने शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर पंजाब में चुनाव लड़ा था जबकि इस बार उसने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींडसा के शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। कुछ दिन पहले पंजाब लोक कांग्रेस का बीजेपी में विलय हो गया है। 

उत्तराखंड, मणिपुर का खर्च

अखबार की रिपोर्ट कहती है कि गोवा में बीजेपी ने साल 2017 में 4.37 करोड़ रुपए खर्च किए थे जबकि इस बार उसने 19.07 करोड़ रुपए खर्च किए। इस तरह यह खर्च भी लगभग 4 से 5 गुना है। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में साल 2017 में बीजेपी ने 23.48 करोड़ रुपए खर्च किए थे जबकि 2022 में उसने 43.67 करोड़ रुपए खर्च किए। इसी तरह मणिपुर में साल 2017 में 7.86 करोड़ रुपए खर्च किए जबकि 2022 में 23.52 करोड़ रुपए खर्च किए गए। कांग्रेस की ओर से इन राज्यों में कितना पैसा खर्च किया गया, उसका ब्रेकअप नहीं दिया गया है। 

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अखबार की रिपोर्ट कहती है कि बीजेपी ने अपने चुनावी खर्च का अधिकतर पैसा नेताओं के एक जगह से दूसरी जगह पर जाने, राजनीतिक सभाएं करने, जुलूस निकालने और प्रचार में खर्च किया। इसके अलावा बीजेपी ने पांच राज्यों के चुनाव प्रचार के दौरान 12 करोड़ रुपए वर्चुअल कैंपेन पर भी खर्च किए। जबकि कांग्रेस ने 15.67 करोड़ रुपए वर्चुअल कैंपेन पर खर्च किए। 

बीजेपी ने चुनावी खर्च को लेकर चुनाव आयोग को दी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि इस साल 8 जनवरी को चुनाव की घोषणा होने के बाद से 63 दिन के भीतर उसके केंद्रीय दफ्तर और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा की राज्य इकाइयों को 914 करोड़ रुपए मिले। जबकि इस अवधि के दौरान कांग्रेस को कुल 240.10 करोड़ रुपए मिले। 

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क़मर वहीद नक़वी
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