बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पश्चिमी दिल्ली से पार्टी के सांसद प्रवेश वर्मा से उनके द्वारा एक समुदाय का पूरी तरह बहिष्कार करने को लेकर दिए गए बयान पर सफाई मांगी है। प्रवेश वर्मा ने बीते रविवार को विराट हिंदू सभा की ओर से दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था, “जहां-जहां यह लोग आपको दिखाई दें, मैं आपको कहता हूं कि अगर आपको इनका दिमाग ठीक करना है, इनकी तबीयत ठीक करनी है तो इनका एक ही इलाज है वह है संपूर्ण बहिष्कार।”
प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने वहां लोगों से पूछा था कि क्या वे इस बात के लिए तैयार हैं और अगर तैयार हैं तो वे लोग हाथ खड़े करके उन्हें समर्थन दें।
बीजेपी सांसद ने लोगों से कहा था कि वह इस बात को दोहराएं कि इस समुदाय के लोगों का संपूर्ण बहिष्कार किया जाएगा।
वर्मा ने आगे कहा था, “लोग इस बात का संकल्प लें कि हम इनकी दुकान और रेहड़ियों से कोई सामान नहीं खरीदेंगे और हम इन्हें किसी तरह की मजदूरी नहीं देंगे और यही इनका इलाज है।”
बीजेपी के एक नेता ने अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि हालांकि प्रवेश वर्मा ने अपने भाषण में किसी समुदाय का नाम नहीं लिया था लेकिन इसका गलत संदेश गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस बारे में प्रवेश वर्मा से सफाई मांगी है।
लेकिन जब द इंडियन एक्सप्रेस ने प्रवेश वर्मा से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उनसे इस मामले में किसी भी तरह की सफाई देने के लिए नहीं कहा गया है।
विधायक ने भी की थी बयानबाजी
इसी कार्यक्रम में पहुंचे गाजियाबाद जिले की लोनी सीट से विधायक नंदकिशोर गुर्जर का एक वीडियो सामने आया था। नंदकिशोर गुर्जर ने कहा था कि हम हमेशा जिहादियों को मारेंगे। विधायक गुर्जर ने कहा था, “दिल्ली के अंदर सीएए पर दंगा हुआ तब इन जिहादियों ने हिंदुओं को मारना शुरू किया…हमारे ऊपर आरोप लगा दिया कि हम ढाई लाख लोग लेकर दिल्ली में घुसे, हम तो समझाने के लिए गए थे लेकिन हम पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया कि हमने जिहादियों को मारने का काम किया। हम जिहादियों को मारेंगे, हमेशा मारेंगे।”
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बीजेपी नेतृत्व ने अपने सभी नेताओं को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे हिंदू-मुस्लिम वाले बयान न दें। पार्टी के एक नेता ने अखबार को बताया कि पार्टी की ओर से चैनलों पर हिंदू-मुस्लिम मुद्दों पर होने वाली बहसों में भी प्रवक्ताओं को नहीं भेजा जाता है।
याद दिलाना होगा कि बीजेपी से निलंबित नेता नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद पार्टी की ओर से अपने तमाम प्रवक्ताओं के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए थे और बेवजह की बयानबाजी से बचने के लिए कहा गया था।
दिल्ली बीजेपी के एक नेता ने अखबार से कहा कि प्रवेश वर्मा का बयान ऐसे वक्त में आया जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत मुस्लिम समुदाय के लोगों से बातचीत कर रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पार्टी के कार्यकर्ताओं से पसमांदा मुसलमानों पर फोकस करने के लिए कहा है।
हाल ही में तेलंगाना के बीजेपी विधायक टी. राजा सिंह ने भी आपत्तिजनक बयानबाजी की थी और तब बीजेपी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। लेकिन उसके बाद आगे कोई कार्रवाई नहीं की।
मोहन भागवत की पहल
यहां जिक्र करना जरूरी होगा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत कुछ दिन पहले दिल्ली की एक मसजिद में गए थे और उनकी ओर से इसे दोनों समुदायों के बीच खाई को पाटने की कोशिश माना गया था। उससे पहले अगस्त महीने में संघ प्रमुख ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी। भागवत ने ज्ञानवापी मसजिद विवाद के बीच बयान दिया था कि हर मसजिद के नीचे शिवलिंग खोजने की क्या जरूरत है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि हम सभी का डीएनए एक है। संघ प्रमुख ने यह भी कहा था कि राम मंदिर के बाद हम कोई आंदोलन नहीं करेंगे और मुद्दों को आपस में मिलकर-जुलकर सुलझाएं।
एक ओर बीजेपी और संघ परिवार की ओर से नफरत को खत्म करने की बात कही जा रही है। लेकिन दूसरी ओर बीजेपी के नेता इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। देखना होगा कि बीजेपी नेतृत्व प्रवेश साहिब सिंह वर्मा और लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर के खिलाफ क्या कोई सख्त कार्रवाई करेगा?
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