इतिहास की पाठ्य पुस्तकों में हमेशा से यही पढ़ाया जाता रहा है कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति की शुरुआत मेरठ से हुई थी। इतिहासकारों तथा राजकीय स्वतंत्रता संग्रहालय में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित जानकारियों के मुताबिक़ दस मई 1857 को शाम पांच बजे जब गिरिजाघर का घंटा बजा, तब लोग घरों से निकलकर सड़कों पर एकत्रित होने लगे थे। मेरठ के सदर बाज़ार क्षेत्र में अंग्रेज़ों की सेना पर क्रांतिकारियों की भीड़ ने हमला बोल दिया। उसी समय 11वीं व 20वीं पैदल सेना के भारतीय सैनिकों ने परेड ग्राउंड में इकट्ठा होकर अंग्रेज़ सैन्य अधिकारियों व गोरे सिपाहियों पर भी धावा बोल दिया था।
1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत मेरठ से हुई थी या अंबाला से?
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- 15 Oct, 2022

1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति की शुरुआत कहाँ से हुई थी? इस सवाल का जवाब इतिहास की किताबों में मेरठ दर्ज है, लेकिन एक दावा यह भी है किया जा रहा है कि इसकी शुरुआत अंबाला से हुई थी। जानिए क्या तर्क दिए गए हैं।
इसके एक दिन पहले यानी 9 मई को चर्बीयुक्त विवादित कारतूसों को प्रयोग करने से इंकार करने वाले जिन 85 सैनिकों का कोर्ट मार्शल किया गया था और उन्हें विक्टोरिया पार्क स्थित नई जेल में बेड़ियों और ज़ंजीरों से जकड़कर क़ैद कर रखा गया था, भारतीय क्रांतिकारियों द्वारा दस मई की शाम को ही इस जेल को तोड़कर उन सभी 85 सैनिकों को आज़ाद करा दिया गया था। इनमें से कुछ सैनिक तो दस मई की रात में ही दिल्ली पहुँच गए थे और कुछ भारतीय सैनिक ग्यारह मई की सुबह मेरठ से दिल्ली के लिए रवाना हुए। इन्हीं क्रांतिकारियों ने 14 मई को दिल्ली पर हमला कर वहां क़ब्ज़ा कर लिया था। इस विद्रोह से जुड़े तमाम साक्ष्य व दस्तावेज़ आज भी मेरठ स्थित राजकीय स्वतंत्रता संग्रहालय में मौजूद भी हैं।