नीति आयोग ने यूएनडीपी और ऑक्सफ़ोर्ड पावर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनिशिएटिव (ओपीएचआई) के सहयोग से अपनी बहु-आयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) जारी करना शुरू किया. आयोग ने गरीबी को आर्थिक पैमाने पर मापना सही तस्वीर न मानते हुए दस नए सूचकांक बनाये हैं- पोषण, बाल-मृत्यु, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थति, कुकिंग ईंधन, स्वच्छता, पेय जल, बिजली, घर और एसेट. देश के पांच पिछड़े राज्यों में एक भी दक्षिण या पश्चिम भारत का नहीं है और सभी उत्तर भारत या पूर्वोत्तर राज्य हैं. कहने की जरूरत नहीं कि बिहार और यूपी इनमें सबसे नॉन-परफार्मिंग राज्य हैं. उसके बाद झारखण्ड और एमपी आते हैं.