बिलकीस बानो के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में रिहा किए गए 11 दोषियों की रिहाई के पीछे उनके 'अच्छे आचरण' का तर्क गुजरात सरकार ने दिया है। लेकिन गुजरात सरकार की ओर से जो हलफनामा सुप्रीम कोर्ट के सामने दिया गया है, उससे पता चलता है कि दोषियों को जितने दिन की पैरोल या फरलो दी गई थी, वे उससे कहीं ज्यादा दिन तक जेल से बाहर रहे।
बिलकीस बानो: कौन से ‘अच्छे आचरण’ के लिए दी गई दोषियों को रिहाई?
- देश
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- 19 Oct, 2022
कौन से 'अच्छे आचरण' का तर्क गुजरात सरकार ने अपने हलफनामे में दिया है, इसे समझ पाना मुश्किल है। इस मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को इस साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था। दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले का जमकर विरोध हुआ था।

गुजरात सरकार के हलफनामे से पता चलता है कि एक दोषी मितेश चिमनलाल भट्ट जब जून 2020 में पैरोल पर था, उस दौरान उसके खिलाफ एक महिला ने शील भंग करने का मुकदमा दर्ज कराया था और इस मामले में जांच अभी भी लंबित है। इस बारे में दाहोद के एसएसपी ने जिला अदालत को जानकारी भी दी थी।
ऐसे में कौन से 'अच्छे आचरण' का तर्क गुजरात सरकार ने अपने हलफनामे में दिया है, इसे समझ पाना मुश्किल है। इस मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को इस साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था।